नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें नियोजित (कॉन्ट्रैक्ट) शिक्षकों को नियमित सरकारी शिक्षकों के समान वेतन देने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत के इस फैसले को 3.5 लाख कॉन्ट्रैक्ट शिक्षकों के लिए झटका माना जा रहा है।
इन नियोजित शिक्षकों की मांग है कि उन्हें नियमित सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए। ये शिक्षक समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
इससे पहले पटना हाई कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को नियमित सरकारी टीचरों के समान वेतन देने का आदेश दिया था। बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।
बिहार सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि नियोजित शिक्षक पंचायती राज निकायों के कर्मी हैं और बिहार सरकार के कर्मचारी नहीं हैं, ऐसे में इन्हें सरकारी टीचरों के बराबर वेतन नहीं दिया जा सकता।