नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त करने के न्यायालय के फैसले की आलोचना करने वाले ट्वीट के लिए सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल तथा केंद्र की अवमानना याचिकाओं पर बुधवार को जवाब मांगा। भूषण को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि वह इस सवाल पर विचार करेगी कि क्या कोई वकील या या अन्य व्यक्ति विचाराधीन मामलों को लेकर अदालत की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र है जिससे कि जनमत प्रभावित हो सकता है।
पीठ ने कहा कि अदालत की आलोचना न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप भी हो सकता है। पीठ ने कहा कि इस मामले पर विस्तृत सुनवाई करने की जरुरत है, नोटिस जारी किया जाता है। न्यायालय ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए सात मार्च की तारीख तय की। (भाषा)