नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के नाजुक कंधों पर भारी शक्तियां निहित की हैं और यह महत्वपूर्ण है कि मजबूत चरित्र वाले व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त किया जाए।
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रणाली में सुधार की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह बात कही। पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 324 का हवाला दिया और कहा कि यह अनुच्छेद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की बात तो करता है, लेकिन नियुक्ति की प्रक्रिया के पर चुप है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमीनी स्थिति खतरनाक है और वह दिवंगत टी एन शेषन जैसा सीईसी चाहती है। उन्हें 1990 से 1996 तक चुनाव आयोग के प्रमुख के रूप में महत्वपूर्ण चुनावी सुधार लाने के लिए जाना जाता है।
अदालत ने कहा कि अब तक कई सीईसी रहे हैं, मगर टीएन शेषन जैसा कोई कभी-कभार ही होता है। 3 लोगों (सीईसी और दो चुनाव आयुक्तों) के नाजुक कंधों पर बड़ी शक्ति निहित है। हमें सीईसी के पद के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति खोजना होगा।
इस पीठ में जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार भी शामिल हैं। उसका प्रयास एक प्रणाली को स्थापित करना है ताकि सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को सीईसी के रूप में चुना जा सके।