नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक में 10 विधायकों के इस्तीफों के मामले में मंगलवार को अगली सुनवाई होने तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में कुछ बड़े मुद्दे उठे हैं और वह इसपर मंगलवार को आगे सुनवाई कर निर्णय देगी। न्यायालय ने कहा कि अगली सुनवाई तक इस मामले में यथास्थिति बनाये रखी जाय।
इस बीच कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि न्यायपालिका के प्रति उनका पूरा सम्मान है और न्यायालय के आदेश को न मानने का कोई कारण नहीं है।
कुमार का वक्तव्य ऐसे समय में आया है जब राज्य की कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन सरकार अपने 14 विधायकों के इस्तीफे के बाद संकट का सामना कर रही है तथा उच्चतम न्यायालय ने उन्हें (अध्यक्ष को) ‘बागी’ विधायकों के मामले की सुनवाई कर उनके इस्तीफे के बार में निर्णय लेने को कहा है। शीर्ष अदालत ने बागी विधायकों के मामले की सुनवायी गुरुवार शाम छह बजे तक पूरी करने तथा निर्णय लेकर अदालत को इससे अवगत कराने का भी आदेश दिया है।
कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि यदि अदालत का आदेश कुछ विधायकों द्वारा दिए गए त्याग पत्र के संबंध में है, तो इसका पालन किया जाना है और अगर कोई गलतफहमी होती है तो हम अदालत से स्पष्ट करने और मार्गदर्शन करने के लिए कह सकते हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय सर्वोच्च है। न्यायपालिका सर्वोच्च है इसलिए किसी भी विवाद को खड़ा करने की जरूरत नहीं है और न ही हितों का कोई टकराव है।
विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा था कि वर्तमान राजनीतिक स्थिति में मुझे पता करना है कि क्या वे (इस्तीफें) स्वैच्छिक हैं और मुझे संविधान के अनुच्छेद 190 और प्रक्रिया का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि वह कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता से नहीं जुड़े हैं लेकिन असंतुष्ट विधायकों के त्याग पत्र को स्वीकार करने या अस्वीकार करने के लिए उन्हें नियम-कायदा अपनाना होगा।
11 बागी विधायकों की गैर मौजूदगी में विस सत्र शुरू : कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे से उपजे संकट के बीच विधानसभा का 10 दिवसीय मानसून सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ जिसमें 11 बागी विधायक अनुपस्थित रहे जबकि विपक्षी भाजपा ने ‘इंतजार करो और देखो’ की नीति के तहत इसमें भाग लिया।
दरअसल उच्चतम न्यायालय की ओर से 11 बागी विधायकों, जिनमें कांग्रेस के आठ और जद (एस) के तीन विधायक शामिल हैं, के विधान सभा की सदस्यता से इस्तीफे के बारे में निर्णय सुनाने के अध्यक्ष को दिये गये आदेश के बाद अदालत के अगले कदम पर भाजपा की नजर टिकी है।