नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राज्यसभा सदस्य वाइको की उस याचिका पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को उसके समक्ष पेश करने की मांग की गई और न्यायालय ने कहा कि एमडीएमके नेता जनसुरक्षा कानून के तहत हिरासत के आदेश को चुनौती दे सकते हैं।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने वाइको के वकील से कहा कि वे (अब्दुल्ला) जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में हैं। वाइको के वकील ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आचरण पर सवाल उठाया और दावा किया कि 16 सितंबर को उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई से कुछ मिनटों पहले ही अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर जनसुरक्षा कानून के तहत हिरासत में ले लिया गया।
पीठ में न्यायमूर्ति एसए बोबड़े और न्यायमूर्ति एसए नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर जनसुरक्षा कानून के तहत अब्दुल्ला के खिलाफ हिरासत के आदेश को सक्षम प्राधिकरण के समक्ष चुनौती दे सकता है।