नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह 'मीडिया वन' चैनल का केंद्र सरकार की ओर से प्रसारण लाइसेंस रद्द करने के मामले में उच्च न्यायालय के फैसले खिलाफ दायर याचिका पर 10 मार्च को सुनवाई करेगा।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने आज चैनल की गुहार पर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के लिए सहमति दी।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए 31 जनवरी को मलयालम चैनल 'मीडिया वन' का लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया था। इस फैसले को उच्च न्यायालय ने उचित करार दिया था।
वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने चैनल की ओर से उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली दो मार्च को दायर याचिका को अति महत्वपूर्ण बताते हुए शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई थी।दवे ने शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाते हुए पीठ के समक्ष कई तर्क दिए।
उन्होंने कहा कि चैनल के करोड़ों दर्शक हैं तथा करीब 350 कर्मचारियों की रोजी-रोटी इससे जुड़ी है। करीब 11 साल के प्रसारण के दौरान चैनल के खिलाफ इस प्रकार की कोई शिकायत की गई है।
उन्होंने चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध को प्रेस की स्वतंत्रता और सूचना के अधिकार के खिलाफ बताते हुए अति शीघ्र सुनवाई पर जोर दिया। लिहाजा, इस मामले पर अति शीघ्र सुनवाई किए जाने की आवश्यकता है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए 31 जनवरी को चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था।
चैनल ने प्रतिबंध के कुछ घंटे बाद ही सरकार के इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय की एकल पीठ के समक्ष चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने सरकार के फैसले को सही ठहराया था, लेकिन अंतिम फैसला आने तक अंतरिम राहत देते हुए चैनल के प्रसारण की अनुमति दी थी।
बाद में उच्च न्यायालय की दो सदस्य पीठ ने 8 फरवरी को एकल पीठ के उस फैसले को बरकरार रखा था। चैनल ने इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।(वार्ता)