Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Gyanvapi masjid case : ज्ञानवापी केस में Supreme court का बड़ा आदेश- नहीं लगेगी नमाज पर रोक, शिवलिंग के दावे वाली जगह को सुरक्षित रखा जाए

Advertiesment
हमें फॉलो करें Gyanvapi masjid case : ज्ञानवापी केस में Supreme court का बड़ा आदेश- नहीं लगेगी नमाज पर रोक, शिवलिंग के दावे वाली जगह को सुरक्षित रखा जाए
, मंगलवार, 17 मई 2022 (16:59 IST)
नई दिल्ली। Gyanvapi masjid case : ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणासी कोर्ट को कहा कि नमाज पर रोक नहीं लगाई जाए।
 
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शिवलिंग के दावे वाले जगह को सुरक्षित रखा जाए। वजूखाने की जगह को संरक्षित किया जाए। कोर्ट में परसों भी सुनवाई होगी। 
सुप्रीम कोर्ट उत्तरप्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन की याचिका पर सुनवाई की। 
मुस्लिम पक्ष शिवलिंग मिलने के दावे को गलत ठहरा रहा है। उसका कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है। उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है।

मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे हुफैजा अहमदी से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका पूजा-अर्चना के लिए है, न कि मालिकाना हक के लिए इस पर अहमदी ने कहा था कि ऐसे में वहां के हालात ही बदल जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हिन्दू पक्ष को भी नोटिस जारी किया है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने निर्देश दिया- अगर शिवलिंग मिला है तो हमें संतुलन बनाना होगा। हम डीएम को निर्देश देंगे कि वे उस स्थान की सुरक्षा करें पर मुस्लिमों को नमाज से न रोका जाए।


‘समता को संतुलित रखते हुए’, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्ह की पीठ ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का कामकाज देखने वाली कमेटी ऑफ मैनेजमेंट अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया और निचली अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया।
 
पीठ ने कहा कि पक्षकारों के अधिकारों को संतुलित रखने की जरूरत है और अधिकारियों को निर्देश दिया कि क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नमाज अदा करने एवं अन्य धार्मिक रस्म निभाने में मुस्लिमों के अधिकारों में बाधा नहीं पड़े। शीर्ष न्यायालय ने दीवानी न्यायाधीश, वाराणसी के समक्ष आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया जो ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े वाद की सुनवाई कर रहे हैं।
 
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह यहां वादी के रहने तक एक अंतरिम व्यवस्था है। हमें पक्षकारों के अधिकारों को संतुलित रखने की जरूरत है। न्यायालय ने कहा कि वाराणसी के जिलाधिकारी उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करें जहां शिवलिंग मिलने की बात कही गई और इससे मुस्लिमों के नमाज अदा करने एवं अन्य धार्मिक रस्म निभाने में बाधा नहीं आए।
 
ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि मुस्लिमों को ‘वज़ू’ करने की जरूरत होती है क्योंकि इसके बिना इस्लाम में नमाज का कोई मतलब नहीं रहेगा।
 
उप्र सरकार की ओर पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिलने की बात कही गई है, वहां मुस्लिम वज़ू करते हैं और कोई नुकसान कानून व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकता है।
 
उन्होंने कहा कि यदि यह जरूरी है तो वे वज़ू कहीं और कर सकते हैं लेकिन जिस क्षेत्र में शिवलिंग पाया गया है उसकी सुरक्षा करने की जरूरत है। शीर्ष न्यायालय को सॉलीसीटर जनरल ने बताया कि वादी के वकील हरिशंकर जैन को दिल का दौरा पड़ा है और वे वाराणसी में अस्पताल में भर्ती हैं। न्यायालय ने याचिकाकर्ता हिन्दू श्रद्धालुओं को नोटिस जारी किए और मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख निर्धारित की।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्यों खास हैं युद्धपोत 'सूरत' और 'उदयगिरि', राजनाथ ने किया जलावतरण