देश के सबसे बड़े विवाद अयोध्या मामले पर अब फैसले की घड़ी आ चुकी है। हर कोई यह जानना चाह रहा है कि राममंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कब अपना फैसला सुनाएगी। 17 नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायर होने से पहले मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ अपना फैसला सुनाएगी,यह अब लगभग तय लेकिन फैसले की तारीख को लेकर कई प्रकार की चर्चा गर्म है।
सुप्रीम कोर्ट में राममंदिर मामले की सुनवाई से जुड़े लोगों से जब वेबदुनिया ने बात की तो अधिकांश ने गुरुनानक जयंती के बाद 13 या 14 नवंबर को संविधान पीठ के फैसला आने की उम्मीद जताई।
अगर सुप्रीम कोर्ट के कैलेंडर पर गौर करें तो चीफ जस्टिस के रिटायर होने से पहले 9,10,11,12 नवंबर कोर्ट की छुट्टियां है। इसके बाद कोर्ट 13 नवंबर को खुलेगा और इसके बाद 14,15 नवंबर दो ही ऐसे कार्यदिवस है जिस पर कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। वहीं अगर कोर्ट चाहे तो 16 नवंबर यानि शनिवार के दिन भी अपना निर्णय दे सकती है।
हमने जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से जुड़े और इस पूरे विवाद से जुड़े अहम लोगों से बात की तो उनका कहना हैं कि अयोध्या मामले पर फैसले से पहले अयोध्या से लेकर दिल्ली तक और पूरे देश में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी जाएगी। खासकर फैसले के 24 घंटे पहले अयोध्या को पूरी तरह सील करने की संभावना है। ऐसे में अभी जब अयोध्या में कार्तिक मेला चल रहा है और लाखों की संख्या में श्रद्धालु वहां पर अपना डेरा जमाए है। 5 नवंबर से शुरु हुआ कार्तिक मेला 12 नवंबर तक चलेगा और इसके बाद प्रशासन को अपनी तैयारियों के लिए कुछ वक्त चाहिए होगा।
इसलिए संभावना जताई जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 14 नवंबर को अपना फैसला सुना सकती है। इसके पीछे एक कारण है कि अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कोई पक्ष रिव्यू पिटीशन भी लगाता है तो मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ की बेंच ही रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई कर लेगी।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के जानकार कर रहे है कि संविधान पीठ में शामिल ही जज ही देश के अगले मुख्य न्यायधीश बन रहे है तो वह पांच सदस्यीय पीठ में एक नए जज को मनोनीत कर देंगे और अगर जरुरी हुआ तो पुनर्विचार याचिका पर एक नए जज के साथ नई पीठ सुनवाई कर सकती है। ऐसे में अब पूरे देश की निगाह सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई है और हर कोई यह जानना चाह रहा है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कब अपना फैसला सुनाएगी।