Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद: सुप्रिया सुले ने किया अमित शाह से बयान देने का आग्रह

हमें फॉलो करें महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद: सुप्रिया सुले ने किया अमित शाह से बयान देने का आग्रह
, बुधवार, 7 दिसंबर 2022 (19:39 IST)
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र के खिलाफ षड्यंत्र और राज्य को तोड़ने की बात होने का आरोप लगाते हुए कर्नाटक के साथ राज्य के सीमा विवाद पर बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बयान देने का आग्रह किया। सुले ने दावा किया कि पिछले 10 दिन से महाराष्ट्र को तोड़ने की बात की जा रही है।
 
कर्नाटक के भाजपा सांसदों ने उनकी बात का विरोध करते हुए कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसे राज्यों के बीच का विषय बताया। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच जारी सीमा विवाद का मुद्दा लोकसभा में उठाते हुए सुले ने दावा किया कि पिछले 10 दिन से महाराष्ट्र को तोड़ने की बात की जा रही है और राज्य के खिलाफ षड्यंत्र चल रहा है।
 
उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर इस संबंध में अनुचित बयान देने का आरोप लगाते हुए यह दावा भी किया कि कर्नाटक जा रहे महाराष्ट्र के लोगों को पीटा जा रहा है और ऐसा नहीं चलेगा। यह देश एक है। राकांपा सांसद ने कहा कि दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सदन में इस विषय पर जवाब देना चाहिए। राकांपा सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट किया। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना गुट के सांसद विनायक राउत ने भी सुले का समर्थन किया।
 
कर्नाटक से भाजपा के सांसद शिवकुमार उदासी ने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और किसी सदस्य को इस मामले में बोलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जब भाषा और संस्कृति की बात आती है तो खासकर महाराष्ट्र के कुछ नेताओं की, खासकर विपक्षी नेताओं की ऐसी बातें करने की पुरानी आदत रही है।
 
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह संवेदनशील और 2 राज्यों के बीच का विषय है जिसे यहां नहीं उठाया जाना चाहिए और इसमें केंद्र क्या करेगा? इसे यहां नहीं उठाया जाना चाहिए। दोनों राज्यों के बीच 1957 से सीमा विवाद चल रहा है। महाराष्ट्र बेलगावी क्षेत्र पर अपना दावा करता है, जहां बड़ी संख्या में मराठी लोग रहते हैं। हालांकि कर्नाटक का मानना है कि राज्य पुनर्गठन कानून के तहत भाषायी आधार पर सीमांकन किया गया था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

assembly Election Result 2022 Live updates: गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश चुनाव परिणाम 2022, किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा