Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कोचिंग सेंटर में आग से सदमे में सूरत, 3 लोगों पर केस दर्ज, कोचिंग संचालक हिरासत में

हमें फॉलो करें कोचिंग सेंटर में आग से सदमे में सूरत, 3 लोगों पर केस दर्ज, कोचिंग संचालक हिरासत में
, शनिवार, 25 मई 2019 (10:11 IST)
सूरत। सूरत के कोचिंग सेंटर में शुक्रवार को शॉर्ट सर्किट से लगी भयावह आग से पूरा देश सहम गया है। इस दर्दनाक हादसे में 21 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। तक्षशिला कॉम्प्लेक्स नाम की इस बिल्डिंग में कोचिंग क्लासेस संचालित होती थी। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों पर गैर इरादातन हत्या का केस दर्ज कर कोचिंग संचालक भार्गव भूटाणी को हिरासत में लिया है।
 
खबरों के मुताबिक, शुक्रवार को सूरत के कोचिंग सेंटर में हुए दर्दनाक हादसे के बाद सरथाणा पुलिस ने देर रात तीन लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। आरोपियों में हरसुल वेकरिया उर्फ एचके, जिग्नेश सवजी पाघडाल और भार्गव बूटाणी शामिल हैं। हादसे में में 21 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जिसमें 17 लड़कियां, 3 लड़के और एक टीचर शामिल है।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि हरसुल और जिग्नेश ने बिल्डर से पूरी मंजिल खरीदी थी। उसके बाद अवैध निर्माण करवाया था, जबकि भार्गव बूटाणी ड्राइंग क्लासेस का संचालक है। इनके खिलाफ धारा 304 और 308 के तहत मामला दर्ज हुआ है। जांच में एफएसएल की भी मदद ली जाएगी। जिससे पता लगाया जाएगा कि आग लगने का कारण क्या है? और किसकी लापरवाही थी? इस जांच के लिए विशेष कमेटी भी बनाई गई है।
 
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हादसे पर दुख जाहिर कर मुआवजे का ऐलान किया और कहा कि एक दिन के भीतर हादसे की जांच रिपोर्ट पेश की जाए। रूपाणी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की है। नड्डा ने एम्स ट्रामा सेंटर के निदेश को हर मदद के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।

अहमदाबाद में सभी ट्यूशन कक्षाओं को बंद करने का आदेश : अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर एके सिंह ने शुक्रवार रात को शहर के सभी प्राइवेट कोचिंग क्लासेस को दो महीने के लिए 23 जुलाई तक बंद करने का आदेश दिया है। उन्‍होंने कहा कि जब तक ट्यूशन कक्षा चलाने वाले मालिक फायर सेफ्टी को लेकर NOCs जमा नहीं कर देते और आग से बचाव के लिए पर्याप्‍त इंतजाम नहीं कर देते, तब तक उन्‍हें कोचिंग कक्षा शुरू करने की अनुमति नहीं मिलेगी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आखिरी अपनी ही प्रजा से क्यों हार गए ‘महाराज’ ज्योतिरादित्य सिंधिया?