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सर्जिकल स्ट्राइक से लश्कर-ए-तैयबा की 'कमर टूटी'

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, सोमवार, 10 अक्टूबर 2016 (08:51 IST)
बारामूला। भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार आतंकी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमलों में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को अधिकतम नुकसान पहुंचा। खुफिया एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई बातचीत से जुड़े आकलन रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर के लगभग 20 आतंकवादी मारे गए।
हालिया सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी रखने वाले सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना की फील्ड यूनिटों से उपलब्ध आकलन रिपोर्ट में विभिन्न पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के बीच हुई रेडियो बातचीत शामिल है। इससे पता चलता है कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर के सामने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित दुदनियाल आतंकी शिविर में लश्कर ए तैयबा को अधिकतम नुकसान पहुंचा।
 
सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र में सेना की डिवीजन से ली गईं पांच टीमों को कैल जिसे (केल नाम से भी जाना जाता है) तथा दुदनियाल स्थित आतंकी समूहों के ठिकानों को नष्ट करने का काम सौंपा गया था।
 
आकलन रिपोर्ट के मुताबिक जब भारतीय सैनिकों ने इन आतंकवादियों को मारना शुरू किया, तो वे पाकिस्तानी चौकी की तरफ भागते देखे गए। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सफल हमले के बाद एक प्रभावी रेडियो निगरानी तथा कड़ी सतर्कता कायम की गई। 
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के रेडियो नेटवर्क से पकड़े गए संदेशों से संकेत मिला कि चार आतंकी ठिकानों पर लगभग एक ही समय किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में लश्कर ए तैयबा के कम से कम 10 आतंकी मारे गए। 
 
उन्होंने कहा कि पौ फटने तक वहां पाकिस्तानी सेना के वाहनों की भारी हलचल दिखी और सभी शवों को वहां से हटाकर अन्यत्र ले जाया गया। सूत्रों ने कहा कि रेडियो बातचीत से संकेत मिलता है कि मारे गए आतंकवादियों को नीलम घाटी में सामूहिक रूप से दफनाया गया।
 
पुंछ के सामने बलनोई क्षेत्र स्थित आतंकी ठिकानों को भी इसी तरह के भीषण प्रहार का सामना करना पड़ा। पाकिस्तानी सेना के रेडियो संदेशों के मुताबिक इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा के नौ आतंकी मारे गए। सूत्रों ने बताया कि इस सेक्टर में भारतीय सेना के लक्षित हमलों में पाकिस्तान की 8 नॉर्दर्न लाइट इन्फेंट्री के दो जवान भी मारे गए।
 
सूत्रों ने कहा कि ऐसी खुफिया सूचना थी कि आतंकवादी विभिन्न दिशाओं से कश्मीर और जम्मू क्षेत्र में भी घुसपैठ की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेना ने आतंकवादियों पर भीषण वार करने से पहले उनके एक जगह पर एकत्र होने की प्रक्रिया का इंतजार किया। (वार्ता) 

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