नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की सरकार और वहां की सेना की तरफ से हाल के दिनों में भारत के साथ शांति वार्ता शुरू करने के मिल रहे संकेतों पर पर दो टूक जवाब देते हुए कहा कि जब सीमा पर जनाजे उठ रहे हों तो बातचीत की आवाज अच्छी नहीं लगती।
विदेश मंत्री ने कहा कि हम पाकिस्तान से वार्ता के लिए हमेशा तैयार हैं, लेकिन आतंकवाद एवं वार्ता साथ साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान जब तक आतंकवाद का मार्ग नहीं छोड़ता, उसके साथ समग्र वार्ता नहीं हो सकती।
उन्होंने गिलगिट बाल्टिस्तान पर भारत को इतिहास पढ़ाने की कोशिश करने पर भी पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है कि वह तारीख बदलने की कोशिश कर रहा है।
स्वराज ने अपनी सरकार के चार वर्ष पूरा होने पर विदेश नीति की उपलब्धियों को बताने के लिए संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया था। उन्होंने कूटनीति पर अपनी सरकार की उपलब्धियों को अभूतपूर्व करार दिया।
स्वराज ने कहा, 'भारत पाकिस्तान में होने वाले चुनाव से पहले या उसके बाद भी बातचीत के लिए तैयार है लेकिन हमारा मत स्पष्ट है। जब सीमा पर जनाजे उठ रहे हो बातचीत की आवाज अच्छी नहीं लगती, ऐसे में समग्र वार्ता नहीं हो सकती।'
हालांकि स्वराज ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के साथ दूसरे स्तर की होने वाली वार्ताओं को लेकर भारत का रुख भी बदला है। उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद पर वार्ता के लिए तैयार है। यही वजह है कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच भी लगातार बात हो रही है। ट्रैक-2 डिप्लोमेसी के तहत भी बातचीत हो रही है।