बेंगलुरु। भारत के शुक्र ग्रह ऑर्बिटर अभियान 'शुक्रयान' के साथ स्वीडन ने जुड़ने का फैसला किया है जिसके तहत वह ग्रह पर खोज करने के लिए एक वैज्ञानिक उपकरण उपलब्ध कराएगा। भारत में स्वीडन के राजदूत क्लास मोलिन ने कहा कि इसमें स्वीडिश अंतरिक्ष भौतिकी संस्थान (आईआरएफ) भारत का सहयोग करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ आईआरएफ का यह दूसरा सहयोग है।
मोलिन ने कहा कि आईआरएफ उपग्रह उपकरण विनसियन न्यूट्रल्स एनालाइजर (वीएनए) इस पर अध्ययन करेगा कि सूर्य से निकलने वाले आवेशित कण (शुक्र) ग्रह के वातावरण में कैसा व्यवहार दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि शुक्र अभियान का तात्पर्य है कि आईआरएफ और इसरो के बीच सहयोग जारी रहेगा।
स्वीडिश अधिकारियों के अनुसार वीएनए आईआरएफ द्वारा विकसित नौवीं पीढ़ी का उपकरण है। पहली पीढ़ी के उपकरण का नाम 'सारा' (एसआरए) था और उसका इस्तेमाल 2008-2009 के दौरान चंद्रयान-एक अभियान में किया गया था। यह आईआरएफ और इसरो के बीच पहली सहयोगात्मक परियोजना थी। मोलिन ने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग का दायरा बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि इस दायरे में संस्थानों से लेकर तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां भी शामिल हैं। (भाषा)