Interview: चुनाव जीतने के लिए UP में आ सकता है तालिबान, उदित राज का BJP पर तंज, जातिगत जनगणना का किया समर्थन
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता उदित राज से वेबदुनिया की खास बातचीत
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब देश में सियासत शुरु हो गई है। चुनाव राज्य उत्तर प्रदेश में तालिबान को लेकर भी सियासत गर्मा गई है। तालिबान को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस नेता उदित राज ने बड़ा बयान दिया है। वेबदुनिया से बातचीत में उदित राज ने कहा चुनाव जीतने के लिए उत्तर प्रदेश में तालिबान को लाया जा सकता है।
वेबदुनिया से खास बातचीत में उदित राज ने कहा कि तालिबान को यूपी में भाजपा वैसे ही मुद्दा बना लेगी जैसे बंगाल विधानसभा चुनाव के समय 300 आतंकियों के घुसने और देश में हिंदू धर्म खतरे में होने को जोर शोर से मुद्दा बनाया गया था। आज उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई, दलितों के उत्पीड़न जैसे मुद्दे छाए हुए और ऐसे मुद्दो को दबाने के लिए और उनका असर काम करने के लिए चुनाव नजदीक आते ही तालिबान को उत्तर प्रदेश में लाया जाएगा।
विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार विफल- अफगानिस्तान मामले को लेकर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहते हैं कि यह विदेशी नीति के मोर्चे पर मोदी सरकार बुरी तरह फेल हुई है और यह भारत की कूटनीतिक असफलता है। जमीन नीचे से खिसक गई, पता तक नहीं लगा भारत को भारत न तीन में रह गया न तेरह में।
केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर बोलते हुए कहते हैं कि बैठक में प्रधानमंत्री से पूछना चाहिए कि आप विदेश में जाकर कर क्या रहे थे? एक तरफ मोदी जी नमस्ते ट्रंप कर रहे थे, दूसरी ओर अमेरिका दोहा में तालिबान को सत्ता सौंपने का प्लान बना रहा था।
जातिगत जनगणना का समर्थन-देश में जातिगण जनगणना को लेकर उठ रही मांग को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता कहते हैं कि उदित राज कहते हैं कि प्रधानमंत्री जब जाति के आधार पर मंत्रिमंडल का गठन करते है और संसद में मंत्रियों को परिचय भी जाति के आधार पर कराते है तो जाहिर सी बात है कि जाति का जनगणना होना भी चाहिए। प्रधानमंत्री अपने आप को पिछड़े वर्ग का मसीहा बताते है और बार-बार जाति का जिक्र करते है तो जातिगत जनगणना करनी भी चाहिए औ हम उसका स्वागत करते है।
वहीं उत्तप्रदेश में चुनाव से पहले ओबीसी वर्ग को लेकर चर्चा के केंद्र में आने पर कहते हैं भाजपा पर तंज कसते हुए कहते हैं कि वह ऐसी पार्टी है जो चुनाव जीतने के लिए देश बेच दें और संविधान खत्म कर दें। प्रधानमंत्री जी अपने को पिछड़ा भी कहते है चुनाव जीतना इनका मकसद है। पांच साल यह लोग चुनाव ही लड़ते, सरकार कहां चलाते है। ऐसे में अब जब चुनाव नजदीक आ रहा है तो जब साख गिरी है, वोट कम हुआ है तो उसकी पूर्ति करने के लिए कुछ भी करेंगे हो सकता है कि लगे हाथ जातिगत जनगणना भी करा दें।