Cauvery Water Dispute : तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को कावेरी मुद्दे पर किसी भी प्रकार की बातचीत को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का फैसला अच्छा और निर्णायक है। उच्चतम न्यायालय ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और कावेरी जल विनियमन समिति द्वारा कर्नाटक को 5 हजार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने के निर्देश में हस्पतक्षेप करने से इनकार कर दिया था।
पड़ोसी राज्य कर्नाटक की बातचीत की मांग की संभावनाओं को दरकिनार करते हुए राज्य के जल संसाधन मंत्री दुरई मुरुगन ने कहा कि तमिलनाडु कावेरी नदी के अपने हिस्से पर समझौता नहीं करेगा।
कर्नाटक सरकार द्वारा चार राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी की बैठक बुलाकर इस मसले को हल करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए दुरई मुरुगन ने बताया, कावेरी मुद्दे पर बातचीत की कोई संभावना नहीं है क्योंकि पिछले कई वर्षों की बातचीत से कोई नतीजा नहीं निकला।
दुरई मुरुगन ने जोर देकर कहा, इसलिए सरकार को कावेरी जल विवाद अधिकरण (सीडब्लयूडीटी) का रुख करना चाहिए था। इस मुद्दे पर अब उच्चतम न्यायालय का फैसला अंतिम है और इसे बेहतर माना जाना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) द्वारा कर्नाटक को पांच हजार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने के निर्देश में हस्पतक्षेप करने से इनकार कर दिया था।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)