नरसिंहपुर जिले के करेली के पास गांव जोबा में हुई आईएएस तपस्या परिहार व आईएफएस गर्वित गंगवार की शादी सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोर रही है। इन सुर्खियों की वजह है तपस्या का कन्यादान जैसी रस्म के लिए कही गई अपनी बात। कन्यादान पर उनका तर्क सुनकर देशभर में तपस्या की चर्चा हो रही है।
तपस्या दरअसल एक आईएएस अधिकारी हैं। यूपीएससी 2018 पास करने के बाद तपस्या और गर्वित की मुलाकात मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। पहले दोस्ती, उसके बाद प्यार। तपस्या को मध्य प्रदेश और गर्वित गंगवार को तमिलनाडु कैडर मिला। दोनों अपने अपने कैडर में चले गए, इस दौरान बातों और मुलाकातों दौर जारी रहा।
अपना प्यार पाने के लिए गर्वित गंगवार ने शादी के आधार पर कैडर बदलने का आवेदन किया। नवंबर 2021 में तमिलनाडु से मध्य प्रदेश कैडर में चले आए। इससे पहले दोनों ने जुलाई में कोर्ट मैरिज की थी। अब 12 दिसम्बर को नरसिंहपुर जिले के गांव जोबा में पारम्परिक तरीके से दोनोंने शादी की।
लेकिन जब शादी के दौरान बेटी के कन्यादान का वक्त आया तो यह वो पल था, जब तपस्या अपने एक तर्क की वजह से पूरे देश में लोकप्रिय हो गई और देशभर में उनकी चर्चा हो रही है।
दरअसल, आईएएस तपस्या परिहार ने यह कहकर अपने पिता को कन्यादान से इनकार कर दिया कि 'पापा मैं दान करने की चीज नहीं हूं। मैं आपकी बेटी हूं, और हमेशा रहूंगी।
तपस्या की बात सुनकर हर कोई हैरान था और तारीफ भी कर रहा था।
बाद में मीडिया से बातचीत में तपस्या ने बताया कि बचपन से ही मेरे मन में समाज की इस विचारधारा को लेकर लगता था कि कैसे कोई अपनी बेटी का कन्यादान कर सकता है। वह भी उसकी बगैर इच्छा के। यही बात धीरे-धीरे मैंने अपने परिवार से चर्चा की इसी बात को लेकर परिवार भी मान गए और वर पक्ष भी इस बात के लिए राजी हो गए कि बगैर कन्यादान किए भी शादी की जा सकती है।
वहीं उनके पति आईएफ़एस गर्वित गंगवार ने बताया कि क्यों किसी लड़की को शादी के बाद पूरी तरह बदल दिया जाता है। मांग भरने की बात हो या कोई ऐसी परंपरा जो यह सिद्ध करें कि लड़की शादीशुदा है। इस तरह की मान्यताओं को हमें खत्म कर देना चाहिए।
तपस्या परिहार मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के करेली के पास छोटे से गांव जोबा की रहने वाली हैं। अपने दूसरे प्रयास में साल 2018 में 23वीं रैंक के साथ यूपीएससी में सफल हुई थी। अभी वे सेंदबा की एसडीएम हैं।
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