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साइरस मिस्त्री मामले पर NCLAT के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची TATA SONS

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, गुरुवार, 2 जनवरी 2020 (15:11 IST)
नई दिल्ली। साइरस मिस्त्री मामले पर आए नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के फैसले के खिलाफ टाटा संस (TATA SONS) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।

18 दिसंबर 2019 को NCLAT ने साइरस मिस्त्री के पक्ष में फैसला देते हुए उन्हें फिर से टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त करने का आदेश दिया था। ट्रिब्यूनल ने एन. चंद्रशेखरन की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया था। ट्रिब्यूनल ने साइरस मिस्त्री को हटाने के फैसले को गलत ठहराया।

ट्रिब्यूनल ने टाटा संस को अपील के लिए 4 हफ्ते का समय भी दिया था। टाटा संस ने 24 अक्टूबर 2016 को मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था।

मिस्त्री ने फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में चुनौती दी थी, लेकिन हार गए। बाद में एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे थे।

साइरस मिस्त्री को नाटकीय रूप से हटा दिया गया था : साइरस मिस्‍त्री, जो टाटा संस के छठे चेयरमैन थे, को अक्‍टूबर 2016 में एक नाटकीय घटनाक्रम में उनके पद से हटा दिया गया था।

रतन टाटा के रिटायर होने के बाद मिस्‍त्री ने 2012 में चेयरमैन का पद संभाला था। इसके बाद टीसीएस के प्रबंध निदेशक और सीईओ एन. चंद्रशेखरन को टाटा संस का नया चेयरमैन बनाया गया था।

यह थी कंपनियों की दलील : 2 महीने बाद मिस्त्री की ओर से उनके परिवार की 2 इन्वेस्टमेंट कंपनियों- साइरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प ने टाटा संस के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी।

इन कंपनियों की दलील थी कि मिस्त्री को हटाने का फैसला कंपनीज एक्ट के नियमों के मुताबिक नहीं था, लेकिन जुलाई 2018 में एनसीएलएटी ने दावे खारिज कर दिए। इसके बाद मिस्त्री ने खुद एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अपील की थी।
(Photo courtesy : Twitter)

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