नई दिल्ली। 5 राज्यों में होने वाले चुनावों से पहले लगातार बढ़ रहे पेट्रोल और डीजल के दामों से न सिर्फ आम आदमी बल्कि सरकार को भी सोचने पर मजबूत कर दिया है। केंद्र सरकार अब पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर अब लोगों को राहत देने की तैयारी कर रही है।
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर चल रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आम जनता पर बोझ कम करने के लिए सरकार टैक्स घटाने पर चर्चा कर रही है। वित्त मंत्रालय ने इस मामले में कुछ राज्यों, पेट्रोलियम मंत्रालय और तेल कंपनियों से बातचीत भी की है।
कोरोनावायरस महामारी ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया। इस वजह से 12 महीनों में मोदी सरकार ने 2 बार टैक्स बढ़ाया। पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाकर सरकार टैक्स रेवेन्यू बढ़ाना चाहती थी। उस समय कच्चे तेल के दाम कम थे लेकिन सरकार ने इसका फासदा ग्राहकों को देने की बजाए खुद उठाया। जब कच्चे तेल के दाम बढ़े तो उसका भार भी ग्राहकों पर डाला गया।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग 60 फीसद हिस्सा टैक्सेज का है। दिल्ली में पेट्रोल 91 रुपए मिल रहा है इसमें करीब 55 रुपए टैक्स के हैं।
कहा जा रहा है कि अब वित्त मंत्रालय तेल की कीमतों पर टैक्स घटाने को लेकर विचार कर रहा है। इसे लेकर वित्त मंत्रालय ने कुछ राज्यों, तेल कंपनियों और पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ चर्चा की है। वित्त मंत्रालय चाहता है कि कोई ऐसा रास्ता निकले जिससे सरकार की आमदनी पर भी असर ना पड़े और आम जनता को भी राहत मिल जाए।
टैक्स घटाने से पहले सरकार कीमतों को स्थिर करना चाहती है, जिससे भविष्य में कच्चे तेल की तीमतें बढ़ने पर टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव न करना पड़े।