उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा है कि मुस्लिमों में तीन तलाक के जरिए दिए जाने वाले तलाक की प्रथा ‘अमान्य’, ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ है। आइए नजर डालते हैं तीन तलाक के 10 दर्दभरे किस्सों पर...
उत्तराखंड की एक मुस्लिम महिला शायरा बानो को उनके पति ने ट्रिपल तलाक यानी एकतरफा एक साथ तीन तलाक बोल दिया। शायरा बानो ने फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अदालत से गुहार लगाई कि ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिया जाए। इसके बाद से ही यह मुद्रा चर्चा के पटल पर आ गया। शायरा बानो के बाद आफरीन रहमान और नीलोफर समेत चार और महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक के खिलाफ इंसाफ की गुहार लगाई।
इसके बाद मुसलमानों की एक धार्मिक और सामाजिक संस्था जमीअत-उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी कि मुसलमानों के पर्सनल मामले से जुड़े किसी मामले में कोई भी फैसला करने से पहले सुप्रीम कोर्ट उनकी भी बात ज़रूर सुने। अब इस मुद्दे पर 11 मई से सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच मुसलमानों के ट्रिपल तलाक, हलाला और एक से अधिक शादी करने के मुद्दे पर सुनवाई जारी है। इस बीच तीन तलाक जारी है। कोई फेसबुक के माध्यम से, कोई वॉट्सप पर तो कोई तीन बार बोलकर महिलाओं को तलाक देकर दूसरा विवाह कर रहा है। ऐसे में उन महिलाओं को उनका हक और न्याय नहीं मिल पा रहा है जिन्हें तलाक दिया गया है। वे जिंदगी भर संघर्ष और अपमान में जीकर अपनी जिंदगी गुरबत में गुजार कर न्याय के इंतजार में आखिर दुनिया से रुखसत कर जाती है। आओ जानते हैं तीन तलाक के ऐसे किस्से जो अजीबोगरीब तो है ही साथ ही रोंगटे खड़ देने वाले भी हैं।
'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी एक ख़बर के अनुसार एक महिला को चार साल तक पता ही नहीं था कि उसका पति उसे तलाक दे चुका है। दरअसल तीन तलाक की प्रथा अनुसार तलाक का फैसला खुद तलाक देने वाला करता है, कोर्ट या पंचायत नहीं। ऐसे में वह कभी भी तलाक देकर तुरंत ही बरी हो जाता है। घरेलू हिंसा और पहली पत्नी को बिना तलाक दिए दूसरी शादी करने के मुकदमे में पेश हुए एक व्यक्ति ने कोर्ट को बताया कि वो तीन तलाक के जरिए अपनी पहली पत्नी को तलाक दे चुका है। अखबार के अनुसार पीड़ित महिला की वकील का कहना है कि लगातार तीन साल तक यह व्यक्ति कोर्ट में पेश नहीं हुआ और फिर अचानक कोर्ट में पेश हो कर कहा कि वो तलाक दे चुका है। दिल्ली में कबाड़ी का काम करने वाले ये शख्स तीन साल बाद अपनी पहली पत्नी के सामने आया था। खैर..आगे जानिए अजीबोगरीब किस्से
अगले पन्ने पर पहला किस्सा...
पहला किस्सा : दरअसल, ये दोनों ही मामले मध्यप्रदेश में सतना जिले के नजीराबाद इलाके के हैं इसलिए इसे एक ही किस्सा मान लिया जाए। जहां पर एक महिला को सोते समय तो एक को उसके पति ने मोबाइल पर तलाक दे दिया। इसके बाद जहां ये महिलाएं दो जून की रोटी जुटाने के लिए संघर्ष कर रही हैं, तो वहीं इनके पति दूसरी शादी कर फिर से अपना घर बसा चुके हैं।
पहला मामला नजीराबाद स्थित शबाना निशा का है। शबाना की शादी 07 जुलाई 2013 को यूपी के बांदा के बसौदा निवासी सलीम सौदागर से हुई थी। शादी के एक साल बाद जुलाई 2014 में सोते समय उसके पति ने उसे तलाक दे दिया। सोकर उठने के बाद तलाक देने की बात शबाना की देवरानी ने उसे बताई और कहा कि वो घर से चली जाए। एक पैर से विकलांग शबाना अब कपड़ों की सिलाई बुनाई का काम कर गुजर बसर करने को मजबूर है, जबकि उसका पति सलीम दूसरी शादी कर आराम से अपनी जिंदगी जी रहा है।
शबाना ने बताया, 'उन्होंने मुझे सोते हुए में तलाक दे दिया। सुबह देवरानी ने बताया कि भाईजान ने आपको तलाक दे दिया है। मैंने मानने से इनकार कर दिया और कहा कि मेरा घर यही है, मैं कहीं नहीं जाऊंगी। इस पर मेरी देवरानी ने कहा कि नहीं ये हराम है, हलाला होगा, आपको इस घर से जाना ही होगा...और फिर उन्होंने मुझे हाथ पकड़कर घर से बाहर निकाल दिया...ये कैसा कानून है कि आदमी ने तलाक दे दिया और बस तलाक हो गया...फिर चाहे जिंदगी बर्बाद होने पर लड़कियां रोड पर ही क्यों न आ जाएं।
तीन तलाक से जुड़ा दूसरा चौंकाने वाला मामला भी नजीराबाद का ही है। खुशबू की शादी 7 जून 2007 में इलाहाबाद के निरियारी गांव निवासी शाह आलम से हुई थी। शादी के दो साल बाद से ही ससुराल पक्ष ने उसे दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देना शुरू कर दिया। इस बीच उसे एक बेटा भी हुआ, लेकिन उस पर अत्याचार कम नहीं हुए और उसे जबरदस्ती मायके भेज दिया गया। मायके पहुंचने के एक दिन बाद ही शाह आलम ने उसे मोबाइल पर तलाक दे दिया। अपने तीन साल के मासूम बेटे को पालने के लिए अब खुशबू लोगों के घर में झाड़ू पोंछा कर रही है। जब उनसे ये पूछा गया कि उन्होंने ये तलाक क्यों मान लिया, तो समाज और परंपरा को लेकर खुशबू की नाराजगी साफ नजर आई।
खुशबू बेगम ने बताया,...मानना तो पड़ेगा ही न। यहां सब कहते हैं कि एक बार आदमी ने तलाक दे दिया तो तलाक हो गया। मौलाना भी यही कहते चले आ रहे हैं कि आदमी ने अगर तलाक दे दिया तो माना जाएगा। चाहे फेसबुक पर हो या फोन पर, तलाक दे दिया तो हो गया। ऐसा तलाक किस मतलब का है। जैसे आप बारात लेकर आते हो, हमारी जिंदगी बर्बाद करते हो, वैसे ही सबके सामने हमें तलाक भी दीजिए। अब मैं कहां जाऊंगी अपने तीन साल के बेटे को लेकर।
अगले पन्ने पर दूसरा किस्सा...
दूसरा किस्सा : पति और देवर की ज्यादती से तंग आकर एक मुस्लिम महिला ने अपने शौहर को ही तीन तलाक दे दिया है। ऐसा पहली बार हुआ कि किसी महिला ने अपने शौहर तो तलाक दे दिया। दरअसल, उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक ही घर में ब्याही गई दो बहनों में से एक बहन ने अपने ससुराल वालों के उत्पीड़न और अपनी छोटी बहन को उसके शौहर (देवर) द्वारा तलाक देने का बदला अपने पति को तीन बार तलाक कहकर दिया। महिला ने कहा, जब पति तलाक दे सकता है तो औरत क्यों नहीं।
पुलिस के अनुसार जिले के थाना खरखौदा क्षेत्र के गांव नरहेड़ा निवासी निजामुद्दीन की दो पुत्रियों आमरीन और फरहीन का निकाह 28 मार्च 2012 में भावनपुर थाना क्षेत्र के गांव लडपुरा निवासी साबिर और शाकिर दो सगे भाइयों से हुआ था। आरोप है कि शादी के कुछ अर्से बाद ही दोनों बहनों को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। 28 सितम्बर को फरहीन को उसके शौहर शाकिर ने तलाक दे दिया।
बताया जाता है कि पीड़िता के साथ उसके पति की शह पर देवर ने बलात्कार भी किया था। जिसकी उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नही की है। बताया जाता है कि शादी के बाद से दोनों बहनों को दहेज के लिए प्रताड़िया किया जाने लगा था। 5 साल में तीन बार दहेज प्रताड़ना और कोर्ट-कचहरी के बाद सामाजिक समझौते के जरिए इनके शौहर इन्हें वापस अपने साथ ले गए, लेकिन आठ महीने पहले छोटी बहन की पिटाई के बाद उसके शौहर ने उसे तलाक दे दिया। अपने देवर की इस हरकत का बड़ी बहन ने विरोध किया तो उसके शौहर ने उसकी बुरी तरह से पिटाई की। इतना ही नहीं शौहर की शह पर इस दिव्यांग महिला के साथ उसके छोटे देवर ने बलात्कार भी किया। इस दौरान उसके साथ हुई पिटाई में उसका गर्भपात भी हो गया था।
पिछले बुधवार को दोनों बहनों ने अपने परिजनों के साथ आईजी मेरठ जोन अजय आनंद से मिली और पुलिस के कारनामें उनके सामने रखे। पीड़ितों ने आईजी से इंसाफ की फरियाद की है।
पति को तलाक दिए जाने की बावत आमरीन का कहना है कि हम दोनों बहनों से ससुराल वालों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई तो देवर ने उसकी बहन को तलाक दे दिया था, जिसका बदला उसने अपने शौहर को तलाक देकर लिया है। जब पति तलाक दे सकता है तो फिर पत्नी क्यों नहीं दे सकती। आमरीन का कहना है कि पति को तीन तलाक के अपने निर्णय पर वह अडिग है। आमरीन ने यह भी कहा है कि मोदी सरकार तीन तलाक के मामले में महिलाओं के हक में काम कर रही है। इसलिए सभी महिलाओं को मोदी सरकार के साथ डटकर रहना चाहिए।
इस मामले में नायब शहर काजी जैनुर राशिदुद्दीन का कहना है कि इस्लाम में औरत को तलाक का हक नहीं दिया गया है। औरत को शरीयत पंचायत में जाकर अर्जी देनी होगी उसके बाद शरीयत पंचायत दोनों के मामले में पहले सुलह का प्रयास करेगी। सुलह नहीं होने पर शरीयत पंचायत औरत को शौहर से आजादी दिला सकती है।
अगले पन्ने पर तीसरा किस्सा...
तीसरा किस्सा : मध्यप्रदेश के देवास की रहने वाली एक मुस्लिम महिला ने ट्रिपल तलाक के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर को खून से पत्र लिख इंसाफ मांगा है। शबाना नाम की महिला ने सीजेआई से मांग की है कि या तो मुझे इंसाफ दिया जाए या फिर मरने की इजाजत दी जाए। शबाना का आरोप है कि नर्सिंग का कोर्स करने के बाद मैं नौकरी करना चाहती हूं लेकिन पति कहते हैं कि उनके साथ खेतों में काम करूं। शबाना के मुताबिक, 'पति ने तीन बार तलाक-तलाक कहकर तलाक दे दिया और मुझे, मेरी बच्ची को छोड़ दिया।'
शबाना ने बताया कि मेरे साथ मारपीट होती है व दहेज के लिए भी प्रताड़ित किया जा रहा है। इतना ही नहीं, शबाना का आरोप है कि उनके पति ने तीन बार तलाक बोलकर दूसरी शादी भी कर ली है। बताते हैं कि शबाना का टीपू से निकाह साल 2011 में हुआ था। दोनों की चार साल की एक बेटी भी है।
अगले पन्ने पर चौथा किस्सा...
चौथा किस्सा : पिछले माह हैदराबाद के एक व्यक्ति ने पोस्टकार्ड भेजकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। अब उसी व्यक्ति पर बिना जरूरी दस्तावेज के शादी करने और बलात्कार का आरोप है। 38 वर्षीय मोहम्मद हनीफ ने 9 मार्च को अपनी पहली पत्नी से इजाजत लेकर 26 वर्षीय तलाकशुदा महिला से शादी की थी। ठीक एक हफ्ते बाद 16 मार्च को उन्होंने अपनी नई दुल्हन को एक पोस्टकार्ड भेजा जिसमें तीन बार- तलाक तलाक तलाक लिखा था। इस तरह कभी भी कोई भी तलाक दे देता है जहां न पंचायत है और न कोई। खुद आदमी ही फैसला सुना देता है।
हैरान और नाराज दुल्हन खुद को रोक नहीं पाई और 30 मार्च को अपने पति के खिलाफ धोखाधड़ी और प्रताड़ना का मुक़दमा दर्ज करा दिया।
हनीफ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और जमानत पर रिहा भी कर दिया। लेकिन जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि जिस मौलवी ने हनीफ़ की शादी करवाई थी उन्होंने इस जोड़े को शादी के लिए जरूरी कागजात मुहैया नहीं करवाए थे। निकाहनामा अब भी मौलवी के पास ही है क्योंकि हनीफ ने जिस तलाकशुदा से शादी की है उन्होंने अपने पहले शौहर से तलाक के कागजात जमा नहीं करवाए हैं। उन्हें वो कागजात नहीं मिल पाए थे। पुलिस की जांच में पता चला है कि जो निकाहनामा पेश किया गया है वो सही नहीं है। लिहाजा कानूनी सलाह के मुताबिक उन्हें बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया जाएगा।
डाक के जरिए तलाक देने का मामला कानपुर में भी देखने को मिला है जहां शहर के अशोकनगर में रहने वाली एक मुस्लिम महिला ने आरोप लगाया है कि सरकारी श्रम विभाग में काम करने वाले उसके पति ने शादी के तीन माह बाद उसे रजिस्टर्ड खत से एक पत्र लिखकर तीन तलाक दे दिया है। महिला का यह भी कहना है कि इस पत्र में पहला तलाक उसी दिन का दिखाया जिस दिन नवंबर 2016 में उसकी शादी हुई थी।
इसी तरह का एक मामला और है। दहेज के लिए पहले मारपीट और फिर तीन तलाक का क्रूर फरमान ये नियति है बांदा की रहने वाली आशिया की। पिता मुन्ना खां ने बड़े ही अरमानों के साथ अपनी 20 वर्षीय बेटी की शादी परवेज़ से की थी। शादी के तीन महीने के भीतर ही आशिया के साथ उसके ससुराल वालों ने बदसलूकी शुरु कर दी और उसे घर से निकाल दिया। यहीं नहीं क्रूरता की हद पार करते हुए परवेज़ ने फोन पर ही उसे तलाक दे डाला। अगले दिन रजिस्टर्ड डाक के जरिए उसने बकायदा इसकी पुष्टी भी करा दी। सभी रास्ते बंद हो जाने पर पीड़िता ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ महिला थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
अगले पन्ने पर पांचवां किस्सा...
पांचवां किस्सा : भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 406, 506 आर/डब्ल्यू 34 के तहत हैदराबाद के सनातननगर पुलिस स्टेशन में सुमैना शारफी ने 16 मार्च को शिकायत दर्ज कराई है। अपनी शिकायत में सुमैना ने कहा, औवैस तालिब के साथ उनका निकाह 2015 में हुआ था और पिछले साल 28 नवंबर को पति ने इस निकाह को खत्म करते हुए व्हाट्सएप्प पर ‘तलाक तलाक तलाक’ का मैसेज भेजकर इस रिश्ते को खत्म कर दिया। सुमैना का आरोप है कि उसके पति ने दहेज की खातिर उसके बर्थडे के दिन ही तलाक दे दिया। वॉट्सप पर तलाक देने के ढेरों मामले हैं।
सुमैना ने बताया कि मैं और मेरे पति एक माह के लिए दुबई में थे। हमारे लौटने के बाद ससुराल वाले ने मेरे साथ नौकर जैसा बर्ताव किया, यहां तक कि मुझे सही तरीके से खाना नहीं दिया जाता था। अम्मा ने मुझ पर अपने दूसरे पति के साथ संबंध बनाने का दवाब भी डाला और इंकार करने पर बेरहमी से पिटाई की गई। मुझे 6 दिनों तक कमरे में बंद कर दिया गया। मेरे पिता आए और मुझे घर ले गए। इसके बाद, मैंने अपने पति से इस मामले पर कई बार बात करने की कोशिश कि लेकिन उसने मेरा फोन नहीं उठाया। इसके कुछ ही दिनों बाद उसने मेरे व्हाट्सएप्प पर ‘तलाक तलाक तलाक’ का मैसेज भेजकर तलाक दे दिया।
सुमैना नेटबॉल में सात बार नेशनल और चार बार ऑल इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं। बेहतरीन खिलाड़ी होने के कारण उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा भी गया है। उसका निकाह 9 फरवरी, 2014 को लखनऊ के गोसाईगंज के मोहनलालगंज निवासी फारुख अली के बेटे आजम अब्बासी से हुआ था।
अगले पन्ने पर छठा किस्सा...
छठा किस्सा : हैदराबाद के एक और तीन तलाक को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है तो मुस्लिम धर्म गुरु अपने स्तर पर इसे खत्म करने की बात कह रहे हैं। वहीं हैदराबाद की महिला को उसके पति ने सऊदी अरब से व्हाट्सएप के जरिए तलाक दे दिया।
बदर इब्राहिम नाम की यह महिला उस समय सदमे में जब उसे अपने पति मुदस्सिर अहमद खान का व्हाट्सएप पर वीडियो मैसेज मिला। इस संदेश के जरिए मुदस्सिर ने बदर को तलाक दे दिया। मुदस्सिर रियाद के एक बैंक में सॉफ्टवेयर एनालिस्ट है। महिला ने बुधवार को पुलिस में इसको लेकर शिकायत भी की है। दोनों की शादी गत वर्ष फरवरी में हुई थी और शादी के मात्र 20 दिन बाद ही मुदस्सिर सऊदी अरब चला गया था। सितंबर में पति ने मुदस्सिर को तलाक दे दिया। बदर ने जब उसके ससुर से संपर्क किया तो उन्होंने भी शादी को एक दुर्घटना बताते हुए कहा कि उनके बेटे ने तलाक दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि तुम्हें अच्छा दूल्हा मिलेगा। उन्होंने बदर के किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।
अगले पन्ने पर सातवां किस्सा....
सातवां किस्सा : फेसबुक पर भी तलाक देने वाले कई है। इसक्रम में एक किस्सा बदायूं जिले का है। इसी माह उत्तर प्रदेश में बदायूं के दातागंज क्षेत्र में दहेज के लालची युवक द्वारा फेसबुक पर पत्नी को तीन तलाक दे दिया। कस्बा दातागंज के मौहल्ला अरेला निवासी मोहम्मद हुसैन की पुत्री मेहनाज बेगम का निकाह डेढ़ वर्ष पूर्व दिल्ली के व्यवसायी वसीम अहमद से हुआ था।
मेहनाज ने बताया कि अच्छी शादी करने की ललक में उसके पिता ने अपना प्लाट बेच दिया था और शादी में लगभग 20 लाख रुपए खर्च किए थे, लेकिन उसका पति दहेज से संतुष्ट नहीं हुआ और स्कॉर्पियो गाड़ी की मांग करने लगा। विवाहिता का आरोप है कि गाड़ी की मांग को लेकर ससुराल पक्ष के लोग उसका उत्पीड़न करने लगे। 16 मई 2016 को वसीम और उसके परिजनों उसे विषाक्त पदार्थ खिलाकर मारने का प्रयास भी किया। खुशकिस्मती से उसकी जान बच गई और 17 मई 2016 को वह अपने मायके दातागंज आ गई।
इसके बाद 26 नवंबर 2016 को उसने एक बेटी को जन्म दिया। मेहनाज का आरोप है कि जब वह गर्भवती थी, तभी 24 अक्टूबर को उसके पति वसीम ने फेसबुक से उसको तीन बार तलाक लिखकर मेसेज पोस्ट किया। जब उसने इसका विरोध किया तो पति वसीम ने उसे फोन कर फोन पर ही तीन बार तलाक बोला। वह तभी से अपने मायके में रह रही है। पीड़ित मेहनाज का कहना है कि वह इस तरह फेसबुक अथवा फोन पर दिए गए तलाक को हरगिज नहीं मानेगी इसी कारण से उसने न्याय की खातिर अदालत की शरण ली है।
अगले पन्ने पर आठवां किस्सा...
आठवां किस्सा : उत्तर प्रदेष के सहारनपुर की रहने वाली शगुफ्ता शाह दो बेटियों की मां है। तीसरी बार जब वो प्रेगनेंट हुई तो उसके पति शमशाद सईद ने उसे अबॉर्शन करवाने के लिए कहा। उसका पति शमशाद एक और बेटी नहीं चाहता था और शगुफ्ता के सास-ससुर भी ऐसा ही चाहते थे।
शगुफ्ता कहती है, ‘मेरे पति और उसके परिवार को डर है कि अगर मैं एक और बेटी को जन्म देती हूं तो उन पर बोझ बढ़ जाएगा।जब उसने अबॉर्शन के लिए बार-बार मना किया तो उन्होंने उसे टॉर्चर करना शुरू कर दिया। शगुफ्ता का पति उसे 24 मार्च को ज़बरदस्ती अस्पताल ले जा रहा था। जब उसने अस्पताल जाने से मना कर दिया तो उसे बुरी तरह से पीटने लगा। जब अबॉर्शन करवाने में उसका पति कामयाब नहीं हुआ तो उन्होंने शगुफ्ता को घर से बाहर निकाल दिया।
शगुफ्ता कहती है कि उसके पति शमशाद ने उसे ‘तीन तलाक’ दे दिया और घर के बाहर रोड पर मरने के लिए छोड़ दिया। सहारनपुर की अतिया साबरी के उदाहरण को देखते हुए, शगुफ्ता ने तीन तलाक के खिलाफ अपनी आवाज उठाने का फैसला किया।
जिस दिन शगुफ्ता को उसके पति ने घर से बाहर निकाला था, उसी दिन वो पुलिस के पास इसकी शिकायत करने के लिए गई थी। लेकिन उन्होंने एफआईआर दर्ज नहीं की है। शगुफ्ता ने ये भी आरोप लगाया कि उनके पिता और भाई को इस घटना के बाद लगातार फोन पर काफी धमकियां भी मिल रही है। पुलिस से कुछ खास मदद नहीं मिलने के बाद शगुफ्ता ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नेशनल कमिशन ऑफ वुमेन, और बड़े अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर मामले की शिकायत की है।
अगले पन्ने पर नौवां किस्सा...
नौवां किस्सा : उत्तर के बहराइच से तीन तलाक का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक शख्स के खिलाफ उसकी तीन बीवियां जमा हो गईं और शख्स की चौथी शादी रुकवाने की अपील लिए पुलिस की दर पर पहुंचीं। यहां के नगर कोतवाली क्षेत्र के कानूनगोपुरा निवासी एक युवक ने एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन महिलाओं से निकाह किया।
इतना ही नहीं इन सभी महिलाओं का अश्लील MMS बनाया और उसे वायरल करने की धमकी देकर कई महीनों तक शोषण करता रहा। जब महिलाओं ने विरोध किया तो युवक ने पहली पत्नी को तलाक दे दिया और छोड़ दिया। वहीं दूसरी और तीसरी को घर से भगा दिया और चौथी से निकाह की तैयारी में जुट गया।
इन महिलाओं को जब पति की करतूत के बारे में पता चला तो वे गुस्से में आ गई और पति को सबक सिखाने की ठान ली और SSP शहर दिनेश त्रिपाठी से मिलीं। एएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेष दिए हैं।
कोतवाली नानपारा निवासी 15 साल की जुबैदा (काल्पनिक नाम) ने एएसपी को शिकायत पत्र दिया, जिसमें बताया कि युवक दो पत्नियां होने के बाद भी उससे झांसा देकर निकाह कर लिया। आरोप है कि युवक ने उसकी अश्लील वीडियो क्लिप बनाकर उससे जबरन जिस्मानी संबंध बनाता रहा। एएसपी को बताया कि युवक ने पहले भी कोतवाली नगर के मोहलीपुरा निवासी करीना (काल्पनिक नाम) से भी निकाह कर रखा था, जिसे 2013 में तलाक दे दिया। इसके अलावा 2014 में कोतवाली नगर के नाजिरपुरा निवासी राबिया (काल्पनिक नाम) से भी निकाह किया था।
एएसपी कार्यालय पहुंची दो पीड़ित महिलाओं ने बताया कि वह युवक अब उन्हें घर से भगा कर दरगाह थाना क्षेत्र के चांदपुरा निवासी एक महिला से पुनः निकाह करने की तैयारी में है। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि पति को हर हाल में सबक सिखाएंगी और उसे जेल भिजवाए कर ही चैन लेंगे ताकि चौथी महिला की जिंदगी नरक न बने। एएसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि पीड़ित महिलाओं ने कार्यालय आकर शिकायत की है। मामले में आरोपी युवक समेत आठ लोगों के खिलाफ तहरीर दी गई है। नगर कोतवाल को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए गए हैं।
अगले पन्ने पर दसवां किस्सा...
दसवां किस्सा : तीन तलाक के गलत इस्तेमाल का एक उदाहरण हैदराबाद में भी देखने को मिला जहां एक आदमी ने अखबार में विज्ञापन के जरिए अपनी बेगम से निकाह के पाक रिश्ते को खत्म कर लिया। आरोपी मोहम्मद मुश्ताकुद्दीन ने जनवरी, 2015 में 25 वर्षीय एक महिला से शादी की थी। आरोपी महिला को सउदी अरब ले गया, जहां वह काम करता था।
पिछले महीने दंपति अपने 10 माह के बच्चे के साथ भारत लौटा। इसके बाद मुश्ताकुद्दीन अकेले सउदी अरब चला गया। उसकी पत्नी ने मुगलपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया है कि मुश्ताकुद्दीन ने एक स्थानीय उर्दू अखबार में विज्ञापन देकर उसे तलाक दे दिया।