देहरादून। चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने की मांग को लेकर आज तीर्थ पुरोहितों ने 'आक्रोश रैली' निकाली। इस काले कानून को वापस लिए जाने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित तब से ही विरोध करते आ रहे हैं, जब यह विधेयक पारित किया गया।
तीर्थ पुरोहित और हक-हकूक धारियों ने आज गांधी पार्क पर एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए काले कानून को वापस लिए जाने की मांग की। चारों धामों से जुड़े तीर्थ पुरोहित आक्रोश दिवस, अभिशाप दिवस और काला दिवस मना रहे हैं।
आज काला दिवस मनाने का कारण यह बताया गया कि 27 नवंबर 2019 को मंत्रिमंडल ने देवस्थानम बोर्ड बनाने का प्रस्ताव पारित किया था।देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी तीर्थ पुरोहितों के समर्थन में उनके साथ बैठे, तो आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता भी तीर्थ पुरोहितों के समर्थन में पहुंचे और वहीं पर धरना दिया।
देवस्थानम बोर्ड का विरोध करते हुए चारधाम के तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का शंखनाद करने देहरादून आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार दिसंबर को प्रस्तावित रैली से पूर्व तीर्थ पुरोहितों के इस रुख से सरकार भी दबाव में आती दिख रही है।
ऐसे में धामी सरकार की कोशिश है कि पीएम मोदी की रैली से पहले देवस्थानम बोर्ड को लेकर चल रहा विवाद खत्म हो जाए। इस कारण सरकार ने अगले दो दिनों में देवस्थानम बोर्ड पर अंतिम फैसला लेने की बात कह दी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया में बयान दिया कि देवस्थानम बोर्ड पर पहले ही गठित कमेटी की रिपोर्ट सरकार को दी जा चुकी है।राज्य सरकार एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन कर रही है, जो अगले दो दिनों में रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद फाइनल निर्णय लेगी।