तेजस MK1A भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े का हिस्सा बनने के लिए तैयार है। लेकिन एक सॉफ्टवेयर इसके लिए अड़चन बन रहा है। न्यूज 18 की एक खबर के मुताबिक इजराइल के साथ समझौते के तहत DRDO इस रडार का लाइसेंस प्रोडक्शन करता है। यही रडार तेजस विमानों में भी लगाया गया है। तेजस Mk1A एक एडवांस विमान है। इसके हथियारों और रडार को कनेक्ट करने में परेशानी आ रही है।
इस परेशानी को दूर करने के लिए डीआरडीओ को इस रडार सिस्टम के सोर्स कोड की आवश्यकता है और यह सोर्स कोड इजराइल के पास है। इजराइल ने इस सोर्स कोड के लिए अपील भी की है। हालांकि अब इंतजार किया जा रहा है कि सोर्स कोड कब मिलता है।
डिफेंस डॉट इन की एक रिपोर्ट के मुताबिक तेजस MK1A में स्वदेशी अस्त्र MK1 मिसाइल लगनी है। इसके साथ ही इस लड़ाकू विमान में इजरायली रडार भी लगना है, जिसके सॉफ्टवेयर यानी सोर्स कोड के लिए इजरायल के ग्रीन सिग्नल का इंतजार है, जो अभी तक नहीं मिला है।
अमेरिका और फ्रांस ने की थी आनाकानी
भारत को राफेल का सोर्स कोड हासिल करने में फ्रांस से काफी परेशानियां आई थीं। फ्रांस ने अभी तक राफेल फाइटर का सोर्स कोड भारत को नहीं दिया है। अमेरिका की फाइटर जेट इंजन बनाने वाली कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक भी आए दिन आनाकानी करती रहती है। वह समय पर भारत को इंजनों की आपूर्ति नहीं कर पाई है। इससे भारत के फाइटर जेट्स का बेड़ा तैयार नहीं हो पाया। Edited by : Sudhir Sharma