श्रीनगर। कश्मीर में 250 से अधिक आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में हैं और लगभग इतने ही आतंकवादी राज्य में सक्रिय है। यह दावा भारतीय सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके बट ने रविवार को किया। हालांकि कि उन्होंने हालात को पूरी तरह नियंत्रण में बताया। उन्होंने कहा कि अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा या फिर वादी में कानून व्यवस्था की स्थिति में आतंकियों को किसी तरह का खलल पैदा नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
बारामुला में आयोजित जश्न-ए-बारामुला का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से एके बट ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ लगातार सफल अभियान चलाए जा रहे हैं। हाल ही के दिनों में दक्षिण कश्मीर में आइएसजेके और जैश के सात आतंकी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए हैं। आतंकियों के समर्थन में निकलने वाली रैलियां भी कम हुई हैं।
भारत-पाक सीमा पर भी सेना पूरी तरह से मुस्तैद है। एलओसी पर घुसपैठ की कोशिश में बढ़ोतरी की आशंका जताते हुए उन्होंने कहा कि इस समय उत्तरी कश्मीर में एलओसी (नियंत्रण रेखा) के पार बने विभिन्न लॉन्चिंग पैड पर भी 250 के करीब आतंकी जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ के लिए उचित मौके की तलाश में हैं। लेकिन एलओसी पर तैनात हमारे जवान हर चुनौती से निपटने और दुश्मन के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए तैयार बैठे हैं।
कश्मीर में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के बारे में उन्होंने कहा कि गत दिनों सिरीगुफवारा में इसके चार आतंकियों के मारे जाने के बाद शायद ही इसका कोई आतंकी यहां सक्रिय हो। इस्लामिक स्टेट जम्मू और कश्मीर के आतंकियों का लगभग सफाया हो चुका है।
मुठभेड़ों के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा आम लोगों के मकानों को उड़ाए जाने के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के बारे में पूछे जाने पर कोर कमांडर ने कहा कि इस तरह के वीडियो भारतीय सेना को बदनाम करने और जम्मू और कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन के बारे में झूठा प्रचार करने के लिए पाकिस्तान से ही अपलोड हो रहे हैं।
अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई तीर्थयात्रा हो या कानून व्यवस्था, इसमें आतंकियों व अन्य शरारती तत्वों को खलल डालने का मौका नहीं दिया जाएगा। यात्रा और आम लोगों को सुरक्षा और विश्वास का माहौल उपलब्ध कराने क लिए सभी सुरक्षा एजेंसियां आपस में पूरे समन्वय के साथ ठोस कदम उठा रही हैं। (एजेंसी)