घाटी में एक बार फिर दहशतगर्दों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाए जाने की सूचनाएं मिल रही हैं। इस बार सुरक्षाबल पूरी ताकत से आतंकियों पर प्रहार करने की रणनीति बना रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी तैयारी कश्मीर में होने वाली अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर की जा रही है।
माना जा रहा है कि पीडीपी से गठबंधन तोड़ने की एक बड़ी वजह यह भी है कि भाजपा नेताओं ने राजनाथसिंह से कहा कि अगर बीजेपी-पीडीपी सरकार के रहते हुए अमरनाथ यात्रियों पर कोई हमला हुआ तो ऐसे में एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है।
इन्हीं बातों के मद्देनजर सरकार ने आतंकियों के सफाए के लिए ऑपरेशन ऑलआउट फिर शुरू करने का फैसला कर लिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बताया कि आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन फिर से शुरू हो रहा है।
डीजीपी डॉ. एसपी वैद ने बताया कि कश्मीर में रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन पर रोक लगाई गई थी। आतंकियों को इससे काफी फायदा मिला है। इस वजह से आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ, लेकिन अब यह रोक हट गई है। आगे आतंकियों के खिलाफ और भी मजबूत ऑपरेशन चलाए जाएंगे।
सीजफायर की समाप्ति के बाद सुरक्षा बलों ने सख्ती शुरू कर दी है। दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के हयाना त्राल में सुरक्षा बलों ने जैश के दो आतंकियों को मार गिराया। इसी मुठभेड़ में सोमवार को भी सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था।
राइजिंग कश्मीर अखबार के संपादक शुजात बुखारी की हत्या पर वैद ने कहा कि हमने एसआईटी का गठन किया है। पुलिस इस मामले को जल्द ही सुलझा लेगी। सेना के शहीद जवान औरंगजेब के मामले में उन्होंने कहा कि हत्या करने वाले आतंकियों की पहचान हो गई है। जल्द ही हम उन को अंजाम तक पहुंचा देंगे।
राज्यपाल शासन लगते ही केंद्र ने कश्मीर घाटी में सेना के ऑपरेशन ऑलआउट को सख्ती से चलाने की तैयारी कर ली है। सूत्रों का कहना है कि सेना और सुरक्षाबलों के लिए यह एक अच्छा मौका है जब वे बिना किसी रुकावट अभियान चला सकते हैं।