नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने आतंकवादियों को शरण देने के लिए पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि दुनिया में कहीं भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोनों देश आतंकवाद के सफाए के लिए मिलकर मजबूती से काम करेंगे।
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने आज यहां रक्षा तथा सामरिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए द्विपक्षीय वार्ता के बाद मीडिया के समक्ष अपने वक्तव्यों में कहा कि दोनों देश आतंकवाद को बड़ी चुनौती तथा खतरे के रूप में देखते हैं और आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को दुनिया में कहीं भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
श्रीमती सीतारमण ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि दोनों नेताओं ने सीमा पार से बढ़ते आतंकवाद पर विस्तार से चर्चा की है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के रुख में समानता है और दोनों आतंकवाद को एक नीति के रूप में अपनाने वालों से निपटने तथा आतंकवादियों के ढांचों को नेस्तनाबूद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मैटिस ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद को दुनिया के लिए बड़ा खतरा मानते हैं और दुनिया में कहीं भी आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत तथा अमेरिका मिलकर आतंकवाद के सफाए के लिए प्रतिबद्ध हैं। (वार्ता)