जम्मू। बारामुला के करीरी कस्बे में तीन सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला करने वाले तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया। इनमें एक टॉप कमांडर भी शामिल है।
कश्मीर में यह ऐसा पहला ऑपरेशन था जिसमें हमला होने के बाद इतनी तेजी के साथ सूचनाएं एकत्र कर आतंकियों को तलाश किया गया और मार दिया गया। इतना जरूर था कि तीनों आतंकियों को ढेर करने में सुरक्षाबलों के उस स्निफर डॉग की अहम भूमिका थी जिसने आतंकियों द्वारा उतारे गए कपड़ों को सूंघकर उन्हें तलाश किया था।
सोमवार सुबह उत्तरी कश्मीर के जिला बारामुल्ला के करीरी इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों द्वारा लगाए गए संयुक्त नाके पर घात लगाकर हमला किया था। आतंकियों द्वारा नाका पार्टी पर अचानक से की गई गोलीबारी में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एसपीओ शहीद मुजफ्फर अहमद जबकि सीआरपीएफ 119 बटालियन के दो जवान लोकेश शर्मा और खुर्शीद खान शहीद हो गए। वहीं गोलीबारी करते हुए आतंकी मौके से फरार होने में सफल रहे थे। इस घटना के तुरंत बाद सेना, पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों ने इलाके की घेराबंदी करते हुए सर्च ऑपरेशन चलाया।
अधिकारियों ने बताया कि बागों में छुपे आतंकियों ने हमला करने के तुरंत बाद अपने कपड़े बदले थे और वे थोड़ा दूर भाग गए। तुरंत डॉग स्क्वाड को भी बुलाया गया था और स्निफर डॉग को आतंकियों द्वारा उतारे गए कपड़े मिले तो सुरक्षाबलों को आतंकी भी मिल गए। फिर कुछ घंटों तक चली मुठभेड़ में एक आतंकी कमांडर समेत तीनों आतंकियों के मार गिराया गया। फिलहाल मारे गए आतंकियों की पहचान तो नहीं हो पाई है, लेकिन सुरक्षाबलों पर हुए हमले की जिम्मेदारी एक नए गुट पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने ली है।
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि ये आतंकी नाका पार्टी के नजदीक ही छिपे हुए थे। मौका पाकर उन्होंने अचानक से उस पर गोलियां बरसाना शुरू कर दीं। इससे पहले की सुरक्षाकर्मी संभलते और अपनी पोजीशन लेते आतंकवादी गोलियां बरसाते हुए मौके से फरार हो गए।
दोनों जवान मूल रूप से बिहार के निवासी थे। सीआरपीएफ ने एक ट्वीट में कहा गया है कि हम शहीद जवान खुर्शीद खान और लवकुश सुदर्शन शर्मा की वीरता और दृढ़ता के प्रति समर्पण को सलाम करते हैं।