जम्मू। सीमापार 300 से ज्यादा आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में हैं। खबर है कि इन आतंकियों को भारतीय सीमा में धकेलने की खातिर पाक सेना गोलों की बरसात की तैयारी कर रही है। हालांकि भारतीय सेना भी जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।
पाक को इसकी भी परवाह नहीं है कि इस महीने की 26 तारीख को सीमाओं पर 16 साल पूरे करने जा रहा सीजफायर दांव पर लग सकता है। सेनाधिकारियों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के नजदीक लॉन्च पैड्स पर 300 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ के इंतजार में हैं।
शीर्ष सेनाधिकारियों ने कहा कि हमें नहीं लगता कि घुसपैठ की संभावना और आतंकियों के इरादों में कोई कमी आई है। हमें लगातार ऐसी जानकारियां मिल रही हैं कि नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड्स के पास तीन सौ से ज्यादा आतंकवादी मौजूद हैं और उन पर घुसपैठ करने का खासा दबाव है।
सेनाधिकारियों ने कहा कि सेना के संयुक्त प्रयासों और घुसपैठ को रोकने के लिए हो रहे बहु-स्तरीय प्रयासों की वजह से अभी तक आतंकिवादियों के मंसूबे सफल नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि हम सब एक साथ इस बात को दोहरा रहे हैं कि इस बार घुसपैठ के मामलों में कमी आई है और अगले साल तक ऐसी घटनाएं बिल्कुल समाप्त हो जाएंगी। यह सब हमारी घुसपैठ विरोधी गतिविधियों की वजह से संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की गतिविधियों के बारे में यह भी कहा कि उनके सभी प्रयास नाकाम किए जा रहे हैं और वो घुसपैठ में सफल नहीं हो रहे हैं। कई बार वे सिर्फ एलओसी के नजदीक आकर फायरिंग करते हैं और वापस चले जाते हैं।
सेना को डर इस बात का है कि पाक सेना आतंकियों को इस ओर धकेलने की खातिर उस सीजफायर को भी दांव पर लगा सकती है जो इस महीने की 26 तारीख को 16 साल पूरे कर जाएगा। डर की वजह यह है कि अक्सर यही देखने में आया है कि पाक सेना आतंकियों को धकेलने की खातिर हमेशा कवरिंग फायर रणनीति को ही अपनाती है।
अब आगे क्या? : सीजफायर का भविष्य अब उन दुआओं पर टिकने लगा है जो सीमावर्ती लोगों तथा आतंकियों द्वारा की जा रही हैं। अगर सीमावर्ती नागरिक इस सीजफायर के ताउम्र जारी रहने की दुआएं कर रहे हैं तो आतंकी तथा अलगाववादियों के अतिरिक्त पाक सेना भी चाहती है कि यह जल्द से जल्द समाप्त हो।
सीजफायर के इस अरसे ने एलओसी व सीमा से सटे क्षेत्रों के लोगों के जीवन को बदलकर रख दिया है तो आतंकियों को तिल-तिल मरने को मजबूर कर दिया है। सीमा पार से गोलियों की बरसात के रुकने से अगर सीमावर्ती नागरिक अपने खेतों में फसलें उगाते हुए खुली फिजां में सांस ले रहे हैं।
16 साल पहले तक इन सीमावासियों ने सोचा भी नहीं था कि सीजफायर इतना लम्बा चलेगा। आशंकाएं प्रकट करने वाले बहुतेरे थे तो आतंकियों को भी ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी बल्कि वे तो यही आस लगाए बैठे थे कि हमेशा की ही तरह पाक सेना अपने वायदों को तोड़ते हुए सीजफायर को भी तोड़ देगी।
यह बात अलग है कि सीजफायर के उल्लंघन की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इस महीने की शुरूआत से ही पाक सेना लगातार राजौरी, पुंछ समेत एलओसी के कई सेक्टरों में गोले बरसा कर आतंकियों को कवर फायर देने की कोशिश कर रही है, जिस कारण सभी को लग रहा है की सीजफायर अब अधिक दिनों तक नहीं टिक पाएगा।