जम्मू। जम्मू कश्मीर पुलिस ने इसे स्वीकार किया है कि साउथ कश्मीर से आतंकी अब नार्थ कश्मीर की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। इस स्थानांतरण के पीछे का कोई ठोस कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस के अनुसार, नार्थ कश्मीर में अब 50 से ज्यादा आतंकी सक्रिय हैं जिसमें कुछ ही कमांडर जिंदा बचे हैं। उन्होंने कहा कि जो कुछ अफवाह फैलाई जाती है वो सरासर गलत है।
आईजी विजय कुमार ने कहा कि उत्तरी कश्मीर में अभी काफी आतंकी सक्रिय हैं, इनमें कुछ कमांडर भी शामिल हैं। इनमें से एक बांडीपोरा के सुमबल का लश्कर कमांडर सलीम पररे भी है और बाकियों के नाम अभी फिलहाल हम सार्वजनिक नहीं करना चाहेंगे। टॉप 12 आतंकियों में से उत्तरी कश्मीर के तीन आतंकी सज्जाद हैदर, नासिर और उस्मान थे, जो मारे जा चुके हैं। उनका कहना है कि साउथ कश्मीर से बहुत से आतंकी नार्थ कश्मीर की ओर चले गए हैं।
उन्होंने आतंकियों की रणनीति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अधिकतर हमले आतंकियों ने नाका पार्टी पर किए हैं। लॉकडाउन के चलते बहुत नाके लगाने पड़ते हैं और इस दौरान जहां पर भी आतंकियों को नफरी की संख्या कम लगी वहां उन्होंने हमलों को अंजाम दिया। नाकों पर सिविलियन की तलाशी के दौरान ध्यान उस ओर रहता है जिसका फायदा उठाते हुए आतंकियों ने हमलों को अंजाम दिया।
उन्होंने बताया कि पूरे कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या 195 के करीब है। कुछ मारे गए तो कुछ नए आए हैं। आतंकियों की जो लीडरशिप थी वो खत्म हो चुकी है। रियाज नायकू, यासिर कारी, फौजी भाई, वलीद भाई जैसे बड़े नामों का खात्मा किया जा चुका है।
सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हंदवाड़ा में मारे गए आतंकी नासिर और उसके ग्रुप को पिछले एक हफ्ते से ट्रैक किया जा रहा था। बुधवार रात जब आतंकी ग्रुप को लेकर पिन पॉइंट इंटेलिजेंस मिली तो तुरंत सुरक्षाबलों ने उन पर धावा बोल दिया। हमला ऐसा था कि आतंकियों को कोई जवाबी कार्रवाई का मौका नहीं मिला।
सेना की 7 सेक्टर के कमांडर ब्रिगेडियर एमएस राठौर ने बताया कि नसीर और सज्जाद एलओसी पर नए आतंकी ग्रुप को रिसीविंग का काम करते थे। सज्जाद के मारे जाने के बाद नसीर को लश्कर का कमांडर घोषित करने की प्लानिंग थी और उससे पहले वह ऐसी कार्रवाई करने आना चाहता था जिससे उसका कमांडर के तौर पर रुतबा बने।