नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शीर्ष न्यायालय के एक न्यायाधीश को एक वादी द्वारा 'आतंकवादी' कहे जाने पर शुक्रवार को नाराजगी जताई और रजिस्ट्री को उसे कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वादी द्वारा लगाए गए आरोपों को 'अपमानपूर्ण' करार देते हुए कहा, आपको कुछ महीने के लिए जेल भेजना होगा, तब आपको एहसास होगा।
पीठ ने व्यक्ति की आलोचना करते हुए कहा, आप उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश पर यूं ही कोई आरोप नहीं लगा सकते हैं। शीर्ष न्यायालय सेवा के एक लंबित विषय में एक व्यक्ति की अर्जी पर सुनवाई कर रहा था।अर्जी देने वाले व्यक्ति की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि वह उसका प्रतिनिधित्व तभी करेंगे, जब वह माफी मांगेगा।
व्यक्ति ने कहा, मैं माफी मांगता हूं। उसने कहा कि वह उस वक्त अत्यधिक मानसिक पीड़ा से गुजर रहा था, जब उसने अर्जी दायर की थी। पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा, यह अपमानपूर्ण है। न्यायालय ने कहा, हम आपको इस बारे में कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे कि आप पर क्यों नहीं आपराधिक अवमानना का मुकदमा चलना चाहिए।
पीठ ने कहा, हम अर्जी की समय पूर्व सुनवाई के इच्छुक नहीं है। अर्जी खारिज समझी जाए। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि वह व्यक्ति को अपने आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देने के सिलसिले में एक हलफनामा दाखिल करने के वास्ते तीन हफ्ते का वक्त देती है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour