नई दिल्ली। प्रचंड चक्रवातीय तूफान ‘अम्फान’ के 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचने का अनुमान है और इस गंभीर घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ ने जानमाल की हानि/क्षति रोकने के लक्ष्य से बल की 53 टीमें तैनात की हैं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एसएन प्रधान ने सोमवार को उक्त सूचना देते हुए कहा कि एनडीआरएफ ‘अम्फान’ को हल्के में नहीं ले रहा है क्योंकि ऐसा दूसरी बार हुआ है जब भारत बंगाल की खाड़ी में आए प्रचंड चक्रवातीय तूफान का सामना कर रहा है।
प्रधान ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण घटनाक्रम है क्योंकि 1999 में ओडिशा तट पर आए प्रचंड चक्रवातीय तूफान के बाद यह उस श्रेणी का दूसरा तूफान है। उन्होंने बताया कि चक्रवातीय तूफान ‘अम्फान’ के 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तट से टकराने का अनुमान है।
एनडीआरएफ प्रमुख ने कहा कि यह तूफान सागरद्वीप और काकद्वीप के बीच भी तट से टकरा सकता है। गौरतलब है कि ये दोनों आबादी वाले क्षेत्र हैं। उन्होंने बताया कि ‘अम्फान’ के तट से टकराने के दौरान हवा की गति 195 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का अनुमान है और यह आबादी वाले इलाके को प्रभावित करेगा।
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, प्रधान ने बताया कि कच्चे मकान, मकानों की कच्ची छतों, नारियल के पेड़ों, टेलीफोन और बिजली के खंभों को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि इससे जानमाल की क्षति होने की भी आशंका है इसलिए हमारी तैयारी उसी के अनुरूप होनी चाहिए और राज्य सरकारों को भी यही कहा गया है।
एनडीआरएफ प्रमुख ने कहा कि बल ने ओडिशा और बंगाल में कुल 53 टीमें तैनात की है, इनमें से कुछ को स्टैंडबाई (तैयार) पर भी रखा गया है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में 19 टीमें तैनात हैं जबकि चार स्टैंडबाई पर हैं, वहीं ओडिशा में 13 टीमें तैनात हैं और 17 स्टैंडबाई पर हैं। एनडीआरएफ की एक टीम में करीब 45 कर्मी होने हैं।
महानिदेशक ने बताया कि देश में विभिन्न स्थानों पर एनडीआरएफ की छह बटालियन को ‘हॉट स्टैंडबाई’ (पूरी तरह से तैयार) पर रखा गया है, ताकि जरुरत पड़ने पर उन्हें मदद के लिए बुलाया जा सके। इन सभी बटालियन को जरुरत पड़ने पर भारतीय वायुसेना हवाई मार्ग से एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाएगी।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस चक्रवात को बहुत गंभीरता से ले रही है। प्रधान ने कहा कि यह शायद पहला मौका है जब राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की तीनों बड़ी इकाइयों की एक साथ ऐसी कोई बैठक हुई है जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने की और उसकी समीक्षा गृहमंत्री अमित शाह, एनडीएमए के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बारी-बारी से की।
उन्होंने कहा, यह दोहरी चुनौती है क्योंकि यह चक्रवात कोविड-19 महामारी के बीच आई है। हम हरसंभव एहतियात बरत रहे हैं।यह पूछने पर कि क्या इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार और केन्द्र सरकार दोनों के रुख समान हैं, प्रधान ने कहा, किसी भी राज्य के साथ समन्वय की कोई समस्या नहीं है।
सरकारी प्रावक्ता ने बताया कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की एक बैठक की अध्यक्षता की और इस प्रचंड चक्रवातीय तूफान के संबंध में तैयारियों और उससे जुड़ी जरुरतों पर चर्चा की। गौबा ने राज्य में तैयारियों और जरुरतों के संबंध में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से बात की।
उन्होंने पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सरकारों से अनुरोध किया कि वे हरसंभव एहतियात बरतें। प्रवक्ता ने बताया कि एहतियाती कदमों में लोगों को उन क्षेत्रों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहंचाना शामिल है, जिनके तूफान से प्रभावित होने का अनुमान है।(भाषा)