देहरादून। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ के कपाट 6 माह के शीतकालीन अवकाश के बाद सोमवार को सुबह 5 बजे खोल दिए जाएंगे। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के कारण कपाटोद्घाटन के दौरान श्रद्धालु उपस्थित नहीं रह पाएंगे।
आगामी मंगलवार 18 मई को चमोली में स्थित भगवान बद्रीनाथ के कपाट सुबह सवा चार बजे ब्रह्म मुहूर्त में खुल जाएंगे। कोविड के कारण यहां भी श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं होगी। कोविड के संबंध में उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, विधि-विधान और पूजा-अर्चना के साथ केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट खोले जाने के दौरान वहां तीर्थ पुरोहितों, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत केवल 25 लोग ही उपस्थित रहेंगे।
इससे पहले, शुक्रवार 14 मई को यमुनोत्री के कपाट और शनिवार पांच मई को गंगोत्री के कपाट खोले जाने के दौरान भी यही व्यवस्था लागू की गई थी। उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में चार धामों के नाम से मशहूर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट हर साल छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद अप्रैल-मई में श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं।
गढ़वाल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली चार धाम यात्रा पर भी कोविड का साया पड़ा है। पिछले साल नियत समय से देर से शुरू हुई चार धाम यात्रा को इस बार भी कोविड मामलों में उछाल आने के चलते फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
चार धाम यात्रा को स्थगित करने की घोषणा करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 29 अप्रैल को कहा था कि महामारी की वर्तमान स्थिति के बीच यात्रा का संचालन संभव नहीं है। उन्होंने कहा था कि धामों के कपाट अपने नियत समय पर ही खुलेंगे लेकिन वहां केवल तीर्थ पुरोहित ही नियमित पूजा करेंगे।
देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी कोविड मामलों में जबरदस्त वृद्धि हुई है। पिछले कई दिनों से उत्तराखंड में कोरोनावायरस के रोजाना 5,000 से 9,000 मामले आ रहे हैं।(भाषा)