नई दिल्ली। एक अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि भारत के कई संग्रहालयों और सांस्कृतिक कृतियों के भंडारों पर आग लगने की सूरत में भारी नुकसान होने का खतरा मंडरा रहा है। इससे बचने के लिए इन संस्थानों को आपदा प्रबंधन की सुझाई हुई योजना को सही तरीके से लागू करना चाहिए।
भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई संग्रहालय विशेषज्ञ विनोद डेनियल ने कहा कि ब्राजील के राष्ट्रीय संग्रहालय में आग लगने की घटना में बड़े पैमाने पर कृतियां बरबाद हो गई थी। भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह एक बेशकीमती सबक है।
उन्होंने कहा, 'इस साल ब्राजील में और 2006 में दिल्ली में प्राकृतिक इतिहास के राष्ट्रीय संग्रहालय में लगी आग की घटना एक सबक है कि आपदा प्रबंधन योजना के अभाव के चलते हमारे कीमती खजाने नष्ट हो जा सकता है।'
पेरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद के सदस्य विनोद (56) ने कहा, भारत के संग्रहालयों को तुरंत जोखिम प्रबंधन से जुड़े अभ्यास शुरू कर देने चाहिए।
डेनियल ने एक साक्षात्कार में कहा कि अगर वे अभ्यास शुरू करते हैं तो मेरे ख्याल से इसमें सबसे बड़ी चुनौती आग से निपटने की उभरेगी। साथ ही, इस समय कई बड़े संग्रहालयों, पुराने पुस्तकालयों और सांस्कृतिक भंडारों के पास उचित आपदा प्रबंधन योजना नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें भी आग लगने पर ब्राजील की तरह भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय जैसे कुछ संग्रहालयों में एक प्रबंधन नीति और ऐसे हादसों से निपटने के लिए रोडमैप मौजूद हैं।
ऑसहेरिटेज के चेयरमेन डेनियल ने सुझाव दिया कि सुरक्षा की अच्छी योजना होने के अलावा संग्रहालयों को प्राचीन कलाकृति के प्रलेखन और आपदा के समय वस्तुओं का उचित प्रबंधन करने के लिए अपने स्टाफ को प्रशिक्षण देना चाहिए। (भाषा)