नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को मंगलवार को बताया कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा की घटना में जांच अहम चरण पर है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जांच के संबंध में रिपोर्ट दायर करने के लिए और समय मांगते हुए यह दलील मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ के समक्ष रखी। दलील पर गौर करते हुए पीठ ने केंद्र को जवाब दायर करने के लिए 29 अप्रैल तक का समय दिया।
सुनवाई के दौरान जामिया के कुछ छात्रों का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने कहा कि 93 छात्रों एवं शिक्षकों ने उनके ऊपर हुए कथित हमलों की पुलिस में शिकायत दायर करवाई है, लेकिन अब तक एजेंसी के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
याचिकाकर्ताओं के अन्य वकीलों ने आरोप लगाया कि सरकार ने 19 दिसंबर को हुई अंतिम सुनवाई के वक्त 4 हफ्ते के भीतर जवाब दायर करने के लिए दिए गए अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया है।
हालांकि पीठ ने अंतरिम आदेश पारित करने से इंकार किया और सरकार को जवाब दायर करने के लिए 29 अप्रैल तक का समय दिया।