हैदराबाद। देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में तिरुपति बालाजी मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है। इसे भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। एक सनसनीखेज घटनाक्रम में मंदिर में 100 करोड़ के घोटाले के आरोप सामने आने के बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रमन्ना दीक्षितुलु को पद से हटा दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि तिरुपति मंदिर के सौ करोड़ की राशि चंद्रबाबू नायडू ने मंदिर के नियम विरुद्ध अपने राजनीतिक फैसले के लिए खर्च करवा दी। इसी आरोप के बाद पुजारी रमन्ना दीक्षितुलु को हटा दिया गया है।
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रमन्ना दीक्षितुलु ने आरोप लगाया था कि तिरुपति मंदिर प्रशासन मंदिर में चढ़ावे का दुरुपयोग करता है। उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर भी बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि मंदिर बोर्ड के सदस्यों को मुख्यमंत्री चुनते हैं।
रमन्ना ने यह भी आरोप लगाया कि मंदिर के रसोईघर, जहां हजार साल से प्रसाद बन रहा था, को तुड़वाकर करोड़ों के प्राचीन आभूषण और जेवर-जवाहरात गायब कर दिए गए हैं।
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द संडे गार्डियन अखबार में छपी खबर के अनुसार राज्य सरकार ने दलील दी कि मुख्य पुजारी की उम्र 65 वर्ष से अधिक हो चुकी है इसलिए उन्हें रिटायरमेंट दी गई है। तिरुपति तिरुमला देवास्थनम (टीटीडी) ट्र्स्ट बोर्ड ने भी आनन-फानन में उसी दिन अपनी नई नीति बनाते हुए मंदिर के मुख्य पुजारी की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष तय कर दी। ट्रस्ट के बोर्ड ने रमन्ना की जगह 4 नए मुख्य पुजारियों को नियुक्ति किया है।