नई दिल्ली। देशभर में नया मोटर वाहन अधिनियम-2019, 1 सितंबर से पूरे देश में लागू कर दिया गया है। इसके लागू होने के बाद से देशभर के वाहन चालकों में ट्रैफिक चालान को लेकर दहशत का माहौल है। हालांकि दिल्ली, यूपी, कर्नाटक समेत कई राज्य भारी जुर्माने से राहत देने की तैयारी में है।
गुरुग्राम समेत देश के कई हिस्सों में लगाए गए भारी चालान को देख लोगों काफी नाराज हैं। भाजपा शासित राज्य भी केंद्र के सख्त नियमों को जस के तस लागू करने में कतरा रहे हैं। गुजरात, सरकार की ओर से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के 24 मामलों में जुर्माने की दर 90% तक कम कर दी गई है।
उत्तराखंड में भी भारी जुर्माने से लोगों को कुछ हद तक राहत मिली है। एक्सपायर्ड ड्राइविंग लाइसेंस के साथ गाड़ी चलाने पर 10 हजार के जुर्माने को घटाकर 5 हजार रुपए कर दिया है। अब कई राज्य भी चालान की राशि घटाने पर विचार कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार भी इस बात का अध्ययन कर रही है कि वह चालान की राशि कितनी घटा सकती है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्य भी गुजरात, यूपी और कर्नाटक सरकार के फैसलों को देखकर ही चालान पर अपना रुख तय करेंगे।
गुजरात और यूपी समेत कुछ राज्यों ने कहा है कि वे भारी भरकम जुर्माने की राशि में कमी करके अपने राज्य में लागू करेंगे। दूसरी ओर केंद्र सरकार का कहना है कि यह सेंट्रल ऐक्ट है और इसे सभी राज्यों के लिए लागू करना अनिवार्य है। हालांकि इस ऐक्ट के सेक्शन 200 के तहत ट्रैफिक नियम उल्लंघन से जुड़े ऐसे मामले हैं, जिनमें राज्य जुर्माने की राशि अपनी इच्छानुसार तय कर सकते हैं।
इस ऐक्ट के सेक्शन 200 में लगभग 24 ऐसे मामले शामिल हैं, जिनमें जुर्माना राशि तय करने का अधिकार राज्यों को है। अत: राज्य इसी अधिकार का उपयोग कर लोगों को राहत प्रदान करना चाहते हैं।