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पीते हो फिर भी डरते हो 10000 के चालान से, पिलाने वालो ने ढूंढा नायाब तरीका...

हमें फॉलो करें पीते हो फिर भी डरते हो 10000 के चालान से, पिलाने वालो ने ढूंढा नायाब तरीका...

वृजेन्द्रसिंह झाला

जब से केन्द्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया है, शराबी लोग सदमे में हैं। शाम को घर से बाहर महफिलें सजाने वाले लोगों को समझ नहीं आ रहा कि सरकार के इस फैसले के बाद करें तो क्या करें। पीना छोड़ दें यह हो नहीं सकता और शराब पीकर गाड़ी से घर पहुंचें यह सरकार होने नहीं देगी।
 
भले ही कुछ भी हो, लेकिन हम और आप शराबियों को हिकारत की नजर से नहीं देख सकते क्योंकि सरकारों को सबसे ज्यादा रेवेन्यू तो शराब से ही मिलता है। ऐसे में यह सच भी किसी से छिपा नहीं है कि शराब पीने वाले लोग देश की अर्थव्यवस्था को बचाने में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। हो सकता है केन्द्र सरकार मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते समय इस बात को भूल गई होगी, वरना राजस्व किसे बुरा लगता है। 
 
कई राज्यों को तो पहले झटके में ही हकीकत समझ में आ गई थी। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि कुछ भी हो हम तो इस कानून को जस का तस लागू नहीं करेंगे। इन राज्यों में मध्यप्रदेश की सरकार भी शामिल है। मप्र में सरकार ने तो शराब की दुकान के पास शराब पीने के लिए अहाते के लिए भी अनुमति दे रखी है। 
 
इन ‍अहातों की मार्केटिंग भी गजब की होती है। कई जगह लिखा होता है कि शासन द्वारा मान्यता प्राप्त पीने की व्यवस्था... या फिर गिलास फ्री... पानी फ्री... अब इस बात से कोई भी इत्तफाक नहीं रखेगा कि ऐसी व्यवस्था जो सरकार की ओर से है और वहां से आदमी शराब पीकर निकले और घात लगाए खड़े पुलिस वाले उन्हें धर लें। खाकी को अचानक सामने देखकर तो कई 'बेचारों' की तो पूरी की पूरी उतर जाती है। पुलिस है कि मानती नहीं... सेटिंग हुई तो ठीक नहीं तो सीधे हाथ में चालान थमा दिया...
 
हां, सरकार के इस फैसले से बीवियां जरूर खुश होंगी। अब तक जो पतिदेव यह गुनगुनाते हुए घर पहुंचते थे कि पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए... अब चालान के डर से गर्दन झुकाए हुए और यह कहते हुए कि मुझे पीने का शौक नहीं... घर पहुंच रहे हैं। अब तो उलटा पत्नियां गुनगुना रही हैं कि मेरा पिया घर आया (बिना पिए) हो रामजी... और तो और अब तो कोई दोस्त भी आग्रह नहीं कर रहा है कि पी ले पी ले ओ मोरे राजा...पी ले-पी ले ओ मोरे जानी....
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शराब की दुकान वालों की भी अपनी चिंता है। ठीक उसी तरह जिस तरह नेताओं की चिंता अपने वोटरों को लेकर होती है। कुछ ने तो तोड़ भी निकाल लिया है। सोशल मीडिया पर ऐसी गाड़ियों के फोटो दिखने लगे हैं, जिनमें लगे पोस्टरों पर लिखा है कि देशी शराब का ठेका, आना जाना फ्री... साथ में यह भी चर्चा चल पड़ी है कि क्यों डरते हो 10000 के चालान से  खूब पियो हम छोड़ेंगे तुम्हे घर, अपनी दुकान से...

वैधानिक चेतावनी : शराब पीना सेहत के लिए खतरनाक है और 10 हजार का चालान उससे भी ज्यादा, तो फिर इस पोस्टर वाले फोटू को बिलकुल भी दिल से मत लगाना, नी तो पुलिस सब देख लेगी...
 
  

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