उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में आज सुबह एक दिल दहला देने वाले घटनाक्रम में मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर एक स्कूल वाहन के ट्रेन से टकराने के कारण 13 बच्चों की मृत्यु हो गई। इस खौफनाक मंजर को देख सुन लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। योगी सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है...
मानव रहित क्रॉसिंग : इस हादसे के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार रेलवे है। जिसने इस मानव रहित क्रॉसिंग पर माकूल व्यवस्था नहीं की। इस क्रॉसिंग पर एक गार्ड ट्रेन की आवाजाही पर झंडी देने के लिए खड़ा रहता है, लेकिन आज वहां कोई भी मौजूद नहीं था। इस वजह से ड्राइवर अंदाजा नहीं लगा पाया कि ट्रेन आने वाली है।
ड्राइवर की लापरवाही : उत्तर पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि क्रासिंग पर एक मानव रहित क्रासिंग मित्र तैनात था। उसने वैन ड्राइवर को रोकने की कोशिश की लेकिन ड्राइवर ने उसे अनसुना कर दिया। चालक ने वैन के निकालने की कोशिश की लेकिन शायद वैन बीच पटरी पर अचानक पहुंच कर बंद हो गई और यह हादसा हो गया।
ईयर फोन लगाकर चला रहा था गाड़ी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस घटना में प्रथम दृष्टया गलती वैन चालक की लगती है क्योंकि वह ईयर फोन लगाकर वाहन चला रहा था।
ट्रेन आगे निकल गई, तड़पते रहे मासूम : हादसे के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने बताया कि वैन को टक्कर मारने के बाद ट्रेन आगे निकल गई। बच्चे वहां जिंदगी और मौत के बीच जुझते रहे। उनकी चीख सुन आसपास के लोग मदद के लिए पहुंचे।
2016 में भी हुआ था इस तरह का हादसा : 2016 में भदोही के पास बच्चों से भरी स्कूल वैन ट्रेन की चपेट में आ गई थी। उस हादसे में 10 बच्चों की मौत हुई थी। हादसे की वजह स्कूल वैन के ड्राइवर की लापरवाही को माना गया था।
2016 में भदोही के पास बच्चों से भरी स्कूल वैन ट्रेन की चपेट में आ गई थी। उस हादसे में 10 बच्चों की मौत हुई थी। हादसे की वजह स्कूल वैन के ड्राइवर की लापरवाही को माना गया था।