TMC का आरोप, पश्चिम बंगाल में SIR के खौफ में 7 लोगों ने जान दी
निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की शुरुआत की, ममता ने कहा- मतदाताओं को धमकाने की कोशिश
Election Commission of India SIR started: भारत निर्वाचन आयोग (EC) ने मंगलवार को नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की शुरुआत कर दी है। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पक्षपाती करार देते हुए आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर के खौफ से 7 लोगों ने जान दे दी। पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होंगे, जहां वर्तमान ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। पहले चरण में बिहार में भी विपक्षी दलों ने एसआईआर का काफी विरोध किया था।
इन प्रदेशों में होगी एसआईआर : चुनाव आयोग ने कहा कि उसके मतदान केंद्र अधिकारियों (BLO) ने मतदाताओं को फॉर्म सौंपना शुरू कर दिया है और वे फार्म भरने में लोगों की मदद भी करेंगे। एसआईआर 4 दिसंबर तक चलेगा। आयोग 9 दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी करेगा और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।
आयोग के अनुसार, दूसरे चरण में जिन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर किया जाएगा, उनमें छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पुडुचेरीशामिल हैं। तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे।
असम में भी 2026 में ही चुनाव होने हैं, लेकिन वहां मतदाता सूची में संशोधन की घोषणा अलग से की जाएगी। दरअसल, असम में नागरिकता सत्यापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कवायद चल रही है। इसके अलावा, नागरिकता अधिनियम का एक अलग प्रावधान असम पर लागू है। बिहार के बाद, यह एसआईआर का दूसरा चरण है। इसके बाद अन्य राज्यों में भी एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होगी।
एसआईआर धोखाधड़ी : विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग को पक्षपाती करार देते हुए एसआईआर को धोखाधड़ी बताया। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक और उसके सहयोगी दल भी एसआईआर का विरोध कर रहे हैं। वहीं, भाजपा एसआईआर के पक्ष में है, जबकि तृणमूल उसके विरुद्ध खड़ी है।
बंगाल में भाजपा ने एसआईआर का स्वागत किया है, लेकिन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इसके समय और इरादे पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग भाजपा के दबाव में चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरफेर का प्रयास कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने निर्वाचन आयोग को पक्षपाती करार देते हुए एसआईआर को धोखाधड़ी भरा काम बताया है।
क्या कहा मुख्यमंत्री ममता ने : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा एसआईआर के माध्यम से बंगाल में मतदाताओं को डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है। भाजपा बंगाली प्रवासियों को बांग्लादेशी बता रही है और बंगाल के खिलाफ फर्जी खबरें फैला रही है। वहीं, ममता के भतीजे और पार्टी के नेता अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि कहा कि एसआईआर के खौफ से बंगाल में सात दिनों में सात लोगों ने अपनी जान दे दी। उन्होंने कहा- मैं लोगों से एसआईआर के चलते सात बंगाली मतदाताओं की मौत के विरोध में दिल्ली में सड़कों पर उतरने का आह्वान करता हूं।
दूसरी ओर, तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने एसआईआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में इसे वास्तविक एनआरसी करार दिया है और इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। हालांकि राज्य में भाजपा की समर्थक अन्नाद्रमुक ने एसआईआर का समर्थन किया है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala