तमाम अटकलों को दरकिनार करते हुए ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस बार के विधानसभा चुनाव में पिछली बार से भी ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया। इस पूरे चुनाव ममता के कुछ कदम ऐसे रहे जो इस जीत में 'तुरुप के इक्के' साबित हुए।
1. बांग्ला प्राइड कार्ड : टीएमसी ने बांग्ला संस्कृति, बांग्लाभाषा और अस्मिता के फैक्टर को भाजपा से बेहतर भुनाया। मां, माटी और मानुष का नारा फिर से देकर स्थानीय लोगों को छिटकने नहीं दिया, वहीं भाजपा नेताओं को बाहरी बताकर उनकी स्थिति को कमजोर किया।
2. महिला कार्ड : 'बंगाल को चाहिए अपनी बेटी' का नारा देकर 50 महिला उम्मीदवारों को इसी रणनीति के तहत मैदान में उतारा, जो कारगर भी रही।
3. केंद्र वर्सेस राज्य कार्ड : कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद चुनाव आयोग द्वारा 8 चरणों में चुनाव कराना, अर्धसैनिक बलों की गोलीबारी में 5 लोगों की मौत और अधिकारियों के तबादलों से ऐसा संकेत गया कि केंद्रीय एजेंसियां चुनाव में ज्यादा दखल दे रही हैं। क्षेत्रीय स्वाभिमान और बांग्ला मानुस को ललकारने से स्थानीय प्रबुद्ध वर्ग का वोट मिला।
4. विक्टिम कार्ड : ममता बनर्जी ने चोट के बावजूद व्हीलचेयर पर बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ आक्रामक हमला बोला। घायल शेरनी की छवि से सहानुभूति बटोरी, जो कि उनके पक्ष में गया।
5. इमेज कार्ड : इस पूरे चुनाव में शुरू से ही ममता निर्विवाद रूप से मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहीं, वहीं भाजपा आखिरी वक्त तक मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा ही सामने नहीं ला सकी।