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जयशंकर की दो टूक, भारत पाक संघर्ष विराम रोकने में ट्रंप की कोई भूमिका नहीं

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 26 मई 2025 (23:26 IST)
S Jaishankar India Pakistan ceasefire: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को एक संसदीय समिति को बताया कि भारतीय सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) ने पाकिस्तान को उनके क्षेत्र में आतंकी शिविरों पर हवाई हमले करने के बाद ही उन्हें सूचित किया था। जयशंकर ने यह भी कहा कि उन्होंने पाकिस्तान से कभी बात नहीं की और अमेरिका के कथित ‘हस्तक्षेप’ के बारे में स्पष्ट किया कि सैन्य अभियान को रोकने का निर्णय पाकिस्तान की ओर से अनुरोध के बाद द्विपक्षीय रूप से लिया गया था।
 
मंत्री ने विदेश मामलों की सलाहकार समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को तभी रोका गया जब पाकिस्तान के डीजीएमओ ने इसे रोकने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच अमेरिकी मध्यस्थता का कोई सवाल ही नहीं है। कांग्रेस और राहुल गांधी, जयशंकर पर निशाना साधते हुए आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने आतंकी शिविरों पर भारतीय हमलों के बारे में पाकिस्तान को पहले ही सूचित कर दिया था। ALSO READ: जयशंकर की खुली चेतावनी, पाकिस्तान में जहां भी आतंकी होंगे उन्हें घुसकर मारेंगे, ट्रंप की भी खोली पोल
 
ऐसे हुआ युद्धविराम : सूत्रों ने बताया कि मंत्री ने बैठक में सांसदों को बताया कि केवल दोनों देशों के डीजीएमओ ने एक-दूसरे से बात की और किसी अन्य भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तानी पक्ष से बात नहीं की। उन्होंने कहा कि भारत से पाकिस्तान से बात करने का आग्रह करने वाले अमेरिका को बताया गया कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती।
 
विदेश मंत्री ने बैठक के दौरान सांसदों द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने और अमेरिकी ‘हस्तक्षेप’ के बारे में पूछे गए कई सवालों के जवाब में बताया कि डीजीएमओ ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को सूचित किया था कि अगर वे गोलीबारी करेंगे, तो भारत जवाबी गोलीबारी करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर लक्षित हमलों ने पाकिस्तानी सेना के मनोबल को भी चोट पहुंचाई है। सूत्रों ने बताया कि मंत्री ने दुनिया भर में पाकिस्तान को ‘बेनकाब’ करने में सभी सांसदों से सहयोग मांगा। ALSO READ: जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर जर्मनी में कही बड़ी बात, बोले- झुकने का तो सवाल ही नहीं
 
पूरा भारत एकजुट है : उन्होंने कहा कि यही कारण है कि सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के एकजुट संदेश को दुनिया के सामने रखने के लिए सांसदों के बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों में भेजा है। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए तस्वीरें साझा कीं। मंत्री ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर’ और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति पर चर्चा की। इस संबंध में एक मजबूत और एकजुट संदेश भेजने के महत्व को रेखांकित किया।
 
पाकिस्तान में आतंकवाद खुला कारोबार : जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान में आतंकवाद एक ‘खुला कारोबार’ है, जिसे देश और उसकी सेना द्वारा वित्तपोषित, संगठित और इस्तेमाल किया जाता है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने हालिया संघर्षों के दौरान परमाणु संघर्ष से ‘बहुत, बहुत दूर’ थे। जर्मन अखबार ‘एफएजेड’ को दिए साक्षात्कार में, जयशंकर ने जाहिर तौर पर पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए कहा कि ‘दुनिया के हमारे हिस्से’ में हर चीज को ‘परमाणु समस्या’ से जोड़ने की प्रवृत्ति रही है।
 
जब पूछा गया कि दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु संघर्ष से कितनी दूर है तो विदेश मंत्री ने जवाब दिया कि बहुत, बहुत दूर। मैं आपके सवाल से वाकई हैरान हूं। उन्होंने कहा कि किसी भी बिंदु पर स्थिति परमाणु के स्तर तक नहीं पहुंची। एक धारणा बन गई है जैसे कि दुनिया के हमारे हिस्से में होने वाली हर चीज सीधे परमाणु समस्या की ओर ले जाती है। यह मुझे बहुत परेशान करता है, क्योंकि यह आतंकवाद जैसी भयानक गतिविधियों को बढ़ावा देता है। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

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