Peter Navarro on India US trade talks: अमेरिका के मुख्य व्यापार वार्ताकार ब्रेंडन लिंच भारत के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार वार्ता (BTA) पर बातचीत के लिए भारत पहुंचने से पहले डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर माहौल बिगाड़ने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत अब बातचीत की मेज पर आ रहा है। भारत को बातचीत के लिए आना ही पड़ेगा अन्यथा स्थिति उनके लिए ठीक नहीं रहेगी।
ट्रंप के बयान से आई थी नरमी : हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के हाल के बयानों से रिश्तों में थोड़ी सी नरमी आई थी। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को 'महान प्रधानमंत्री' बताया था और दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती का भरोसा जताया था। जवाब में, प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्रंप की भावना की सराहना करते हुए यह संकेत दिया था कि भारत अमेरिका के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना चाहता है।
लिंच करेंगे वार्ता : लिंच मंगलवार को व्यापार वार्ता के संबंध में एक-दिवसीय बातचीत करेंगे। वह अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि (दक्षिण एवं पश्चिम एशिया) हैं। प्रस्तावित व्यापार समझौते पर दोनों देशों के बीच अबतक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। वार्ता का छठा दौर 25-29 अगस्त के बीच होना था, लेकिन अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद इसे टाल दिया गया था।
यह छठे दौर की वार्ता नहीं : बीटीए पर भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि हमने पहले भी संकेत दिए हैं कि हमारे बीच बातचीत जारी है। अमेरिका के मुख्य वार्ताकार भारत आ रहे हैं और वह मंगलवार को संभावित परिदृश्य के बारे में चर्चा करेंगे। अग्रवाल ने कहा कि हालांकि, यह बीटीए पर छठे दौर की बातचीत नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से व्यापार वार्ता से जुड़ी चर्चा है। यह पता करने की कोशिश होगी कि भारत और अमेरिका के बीच समझौते पर हम किस तरह पहुंच सकते हैं। यह बातचीत छठे दौर की वार्ता से पहले की तैयारी होगी।
साप्ताहिक आधार पर होती है बातचीत : इसके साथ ही अग्रवाल ने बताया कि दोनों देश ऑनलाइन माध्यम से साप्ताहिक आधार पर बातचीत करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत चलती रही है, लेकिन हम अधिक प्रगति नहीं कर पा रहे थे। असल में, व्यापक परिदृश्य ही अनुकूल नहीं था। अब हमें एक संभावना नजर आ रही है। दरअसल, अमेरिकी प्रशासन द्वारा लगाए गए ऊंचे शुल्क से भारत का निर्यात प्रभावित हुआ है। इस तनाव की वजह से प्रस्तावित व्यापार समझौते की प्रगति भी बाधित हुई है। हालांकि, दोनों देशों ने पहले सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को संपन्न करने की मंशा जताई थी।
लिंच एशिया के इस क्षेत्र के 15 देशों के साथ अमेरिका की व्यापार नीति तैयार करने और उसके क्रियान्वयन की देखरेख करते हैं। इसमें भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) का प्रबंधन और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ व्यापार एवं निवेश रूपरेखा समझौतों (टीआईएफए) के तहत गतिविधियों का समन्वय शामिल है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala