नई दिल्ली। प्रमुख सोशल मीडिया साइट ट्विटर ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि वह नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के अनुरूप मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति करने के अंतिम चरण में है। सरकार को एक हफ्ते के भीतर अतिरिक्त ब्यौरा दे दिया जाएगा।
ट्विटर ने सरकार के अंतिम नोटिस के जवाब में कहा कि वह नये दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए सभी कोशिशें कर रही है लेकिन कोविड-19 महामारी के वैश्विक असर की वजह से ऐसा करने में नाकाम रही है।
ट्विटर ने कहा कि हम मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति को अंतिम रूप देने के आखिरी चरण में हैं और हम अगले कुछ दिनों में एवं ज्यादा से ज्यादा एक हफ्ते में आपको अतिरिक्त ब्यौरा प्रदान कर देंगे।
ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि ट्विटर हमेशा से भारत को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहा है और प्रतिबद्ध बना रहेगा तथा इस मंच पर अहम सार्वजनिक चर्चाओं को जगह देता रहेगा। हमने भारत सरकार को आश्वस्त किया है कि ट्विटर नये दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए सभी कोशिशें कर रही है और हमारी प्रगति का अवलोकन उनके साथ साझा किया गया है। हम भारत सरकार के साथ अपनी सकारात्मक चर्चा जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए आईटी नियमों की घोषणा की थी जो पिछले महीने से लागू हो गए। नए नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।
प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नए नियमों के अनुपालन के लिये तीन महीने का समय दिया गया था। इस श्रेणी में उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रखा जाता है, जिनके पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है।
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर को दिए गए अपने अंतिम नोटिस में कहा था कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती।
मंत्रालय ने कहा था कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिये नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। (भाषा)