नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार एवं निवेश संबंधों को बढ़ाने के लिए ब्रिटेन भारत व्यापार परिषद (यूकेआईबीसी) ने दोनों देशों के बीच वृहद मुक्त व्यापार करार (एफटीए) पर जोर दिया है।
परिषद की चेयरमैन पैट्रिशिया हेविट ने कहा कि यूकेआईबीसी एक वृहद आर्थिक भागीदारी करार की वकालत करती है जिसके तहत वस्तुओं और सेवाओं के साथ द्विपक्षीय निवेश भी शामिल होना चाहिए। हेविट भारत की यात्रा पर आईं ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरिजा मे के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं।
हेविट ने कहा कि मौजूदा या पूर्व के बजाय भविष्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने वाले संकेतकों के मद्देनजर यह करार आगे की दृष्टि वाला होना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि एफटीए पर औपचारिक विचार-विमर्श ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने तक नहीं हो सकता।
दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने वाले क्षेत्रों के बारे में हेविट ने कहा कि ब्रिटेन की कंपनियों के लिए भारत लगातार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को खोल रहा है। साथ ही उसकी कारोबार सुगमता रैंकिंग भी सुधर रही है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, कौशल भारत और स्वच्छ भारत जैसे कार्यक्रमों के लक्ष्यों को पाने के लिए ब्रिटेन की वस्तुओं, सेवाओं, प्रौद्योगिकी तथा जानकारी की मांग बढ़ रही है। हैविट ने कहा कि समय किसी का इंतजार नहीं करता है। कंपनियों को ब्रेक्जिट की धूल छंटने का इंतजार नहीं करना चाहिए और अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। (भाषा)