Indian arrested with Russian soldiers in Ukraine: रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने रूसी सैनिकों के साथ एक भारतीय युवक को भी पकड़ा है। यह छात्र गुजरात के मोरबी का रहने वाला है। यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय छात्र ने यूक्रेन की सेना के सामने सरेंडर किया है। इससे पहले भी रूसी सेना में भारतीयों के भर्ती होने की खबरें आई थीं। 96 भारतीयों को रूसी अधिकारियों ने रिहा कर दिया और वे भारत लौट आए हैं।
यूक्रेन का दावा है कि उसने 22 वर्षीय एक भारतीय विद्यार्थी को रूसी सैनिकों के साथ पकड़ा है। गुजरात के मोरबी के रहने वाले इस छात्र का नाम मजोती साहिल मोहम्मद हुसैन है। हुसैन रूस के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने गया था। फिलहाल भारत सरकार इस मामले में जानकारी जुटा रही है।
अब तक 150 से ज्यादा भारतीयों की भर्ती : उल्लेखनीय है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान कई भारतीय नागरिकों के रूसी सेना में शामिल होने की खबरें आई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2022 से अब तक 150 से अधिक भारतीयों की भर्ती की जा चुकी है। कई भारतीयों को कथित तौर पर एजेंटों द्वारा सहायक कर्मचारियों (जैसे डॉक्टर के सहायक या रसोइया) के तौर पर नौकरी और ज्यादा पैसे का लालच देकर रूस ले जाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें धोखा देकर सेना की फ्रंट लाइन यूनिटों में युद्ध के लिए भेज दिया गया।
संघर्ष में 12 भारतीयों की मौत : इस संघर्ष में अब तक कम से कम 12 भारतीय मारे गए हैं। 96 भारतीयों को रूसी अधिकारियों ने रिहा कर दिया है और वे भारत लौट आए हैं। 16 अन्य लापता बताए गए हैं। लुधियाना के समरजीत सिंह जैसे कई युवा लापता बताए जा रहे हैं, जिन्हें कथित तौर पर डॉक्टर के सहायक के रूप में नौकरी का वादा किया गया था।
भारत सरकार ने भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती होने की जोखिमों और खतरों के बारे में बार-बार आगाह किया है और ऐसे नौकरी के प्रस्तावों से दूर रहने की सलाह दी है। अगस्त 2024 में, रूसी पक्ष ने घोषणा की कि रूसी संघ के रक्षा मंत्रालय ने अप्रैल 2024 से अपने सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों की भर्ती बंद कर दी है। यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन के सामने भी उठाया था।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala