लखनऊ। उत्तरप्रदेश के उन्नाव में देर रात दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल से बलात्कार पीड़िता का शव उसके पैतृक गांव पहुंचने के बाद परिजनों पर जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने का दबाव था, लेकिन परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था।
आनन-फानन में उन्नाव के जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडे ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझा-बुझाकर रविवार सुबह अंतिम संस्कार करने के लिए मना लिया था, लेकिन देर रात दिल्ली से उन्नाव पहुंची पीड़िता की बड़ी बहन ने आज सुबह अंतिम संस्कार करने से मना करते हुए योगी सरकार के सामने तीन शर्तें रख दीं।
पहली शर्त में बड़ी बहन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की इच्छा जाहिर की और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गांव आएं। दूसरी शर्त यह रखी है कि परिवार में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए और तीसरी शर्त आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए। बड़ी बहन ने कहा कि प्रदेश सरकार जब तक सारी शर्तें मान लेती तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
उन्नाव के थाना बिहार के अंतर्गत एक गांव के रहने वाले शिवम और शुभम ने 12 दिसंबर 2018 को इलाके की एक युवती को अगवा करके रायबरेली जिले के लालगंज थाना क्षेत्र में गैंगरेप किया था। मामला रायबरेली जिले के थाना लालगंज में पंजीकृत है और रायबरेली कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।
जमानत पर छूटे आरोपियों ने पीड़िता के साथ मारपीट की और फिर आग के हवाले कर दिया जब तक पीड़ित अस्पताल पहुंचती तब तक काफी हद तक पीड़ित जल चुकी थी।
पीड़िता को गंभीर हालत में लखनऊ से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में शिफ्ट किया गया था, जहां पर शुक्रवार देर रात उसकी मौत हो गई।