नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि राज्य कांवड़ियों को हरिद्वार से 'गंगा जल' लाने की अनुमति ना दें। सरकार ने कहा कि धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकारों को अलग-अलग जगहों पर टैंकरों के जरिए 'गंगा जल' उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
जस्टिस आर एफ नरीमन और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई की। अदालत इस मामले में सोमवार को अपना फैसला सुना सकती है।
वहीं यूपी सरकार की ओर से कोर्ट में पेश वकील सीएस वैद्यनाथन ने हलफनामा पेश करते हुए कहा कि हम प्रतीकात्मक यात्रा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई यात्रा करना चाहता है, तो उन्हें अनुमति लेनी होगी। निगेटिव RTPCR का टेस्ट, फुली वैक्सीनेटेड हो और सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य नियमों का पालन करना होगा।
इस पर पीठ ने कहा कि या तो हम आदेश पारित कर सकते हैं, या आपको पुनर्विचार करने का अवसर दे सकते हैं। इस पर वैद्यनाथन ने हम इसे बहुत कम लोगों के लिए रख रहे हैं। इसके बाद जस्टिस नरीमन ने कहा- नहीं। यह महामारी हम सभी को प्रभावित करती है। यह स्वत: संज्ञान लिया गया है क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है।