लखनऊ। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से स्वैच्छिक अवकाश लेकर पिछले साल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए अरविंद कुमार शर्मा ने भी शुक्रवार को मंत्री पद की शपथ ली। शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं।
गुजरात कैडर के 1988 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी शर्मा ने पिछले साल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें तत्काल विधान परिषद का सदस्य (एमएलसी) बना दिया।
शुरुआत से ही चर्चा थी कि शर्मा को राज्य सरकार में महत्वपूर्ण दायित्व मिल सकता है, यहां तक कि उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की भी अटकल लगाई जा रही थी। हालांकि पिछले साल योगी आदित्यनाथ ने जब अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया तो शर्मा को मौका नहीं मिला, लेकिन उन्हें भाजपा संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।
शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दो दशक से अधिक समय तक काम किया है। गुजरात में मोदी रहते हुए शर्मा मुख्यमंत्री सचिवालय में रहे और वहां विशेष सचिव से लेकर प्रमुख सचिव तक का दायित्व निभाया। 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद शर्मा प्रतिनियुक्ति पर प्रधानमंत्री कार्यालय में आए।
सचिव पद पर प्रोन्नत होने के बाद शर्मा ने सेवानिवृत्ति से करीब दो साल पहले ही पिछले साल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लिया।
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के काझा खुर्द गांव में 1962 में पैदा हुए अरविंद कुमार शर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और 1988 में आईएएस की सेवा के लिए चयनित हुए।
शर्मा के करीबियों का दावा है कि टाटा नैनो परियोजना को (पश्चिम बंगाल से) गुजरात लाने, गुजरात में निवेश के लिए वाइब्रेंट गुजरात समिट के आयोजन में शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजनीति में कदम रखने से पहले से शर्मा प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लगातार सक्रिय रहे। यहां तक कि वाराणसी में विशेष कोविड प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री ने उनके कार्यों की सराहना की।(भाषा)