Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

उड़ी हमला, कौन है घर का भेदी..?

Advertiesment
हमें फॉलो करें Uri attack
, शुक्रवार, 23 सितम्बर 2016 (14:08 IST)
जम्मू-कश्मीर के उड़ी में सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इसकी छानबीन शुरू कर दी है। एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार में लिखा गया है कि सेना को शक है कि इस हमले के पीछे अंदर का ही कोई भेदिया, गद्दार आतंकियों से मिला हुआ हो सकता है।
 
अखबार के मुताबिक आतंकियों को ये कैसे पता चला कि कैम्प के अंदर ब्रिगेड कमांडर का दफ्तर और निवास किस जगह पर स्थित है?  सेना इस बात की भी जांच कर रही है कि आतंकी कैसे नियंत्रण रेखा (एलओसी) सुखदर से होते हुए उड़ी पहुंचे। करीब 500 आबादी वाला सुखदर गांव ब्रिगेड मुख्यालय से महज चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसा माना जा रहा है कि गांव और ब्रिगेड मुख्यालय के बीच स्थित जंगल की वजह से आंतकियों को आसानी रही होगी।
 
आतंकियों ने जिस प्रकार के घातक हमले को अंजाम दिया है उससे प्रतीत होता है कि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की मदद मिली थी, जिसे न केवल इस इलाके की बल्कि सैन्य टुकड़ियों की आवाजाही के बारे में भी पूरी जानकारी थी। आतंकियों ने पहले एलओसी पर लगी बाड़ को पार किया और उसके बाद ब्रिगेड मुख्यालय पर लगी बाड़ को, फिर सेना और सीमा सुरक्षा बल के पिकेट और चेकपोस्ट को। 
 
सेना के सूत्रों के हवाले से अखबार ने लिखा है कि बिना जान-पहचान के अंदर घुसना नामुमकिन है क्योंकि उसके चारों तरफ कड़ी सुरक्षा है और वह किले जैसा है। मुख्यालय में पूरी तरह जान-पहचान का आदमी ही अंदर प्रवेश कर सकता है। इसलिए जांचकर्ता संभावित 'गद्दार' की पड़ताल कर रहे हैं। यहां तक कि कुलियों और टेरिटोरियल आर्मी के जवानों को भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है। 
 
ब्रिगेड मुख्यालय के पास चाय की दुकान चलाने वाले एजाज अहमद कहते हैं, 'बिना किसी की मदद के ऐसा हमला नामुमकिन है। इतना करीब रहने के बावजूद हमें इस बारे में पता नहीं चल सका तो कैसे एलओसी के पार से आने वाले ऐसा हमला कर सकते हैं? उन्हें इस जगह के बारे में पूरी जानकारी रही होगी। इस बात की भी आशंका है कि आतंकियों को स्थानीय लोगों की मदद मिली हो, जिसके दम पर वे आर्मी बेस के भीतर पहुंचे हों। इस बीच आर्मी ने सुरक्षा संबंधी चूक की जांच शुरू कर दी है। इसके तहत आर्मी बेस की सुरक्षा में किसी भी तरह की ढील का पता लगाया जाएगा।
 
...और उधर पाक मीडिया में लीपापोती : उड़ी सैन्य शिविर पर पाकिस्तानी हमले के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने लीपापोती करने की खूब कोशिश की है। अंग्रेजी समाचार पत्र द डॉन में लिखा गया है कि भारत, कश्मीरियों पर हुए अत्याचारों से ध्यान भटकाने के लिए सीमा पर तनाव बढ़ा सकता है। पत्र ने यह भी लिखा है कि पाकिस्तान को इस वक्त चीन और इस्लामिक देशों पर भरोसा करना चाहिए
 
एक दूसरे समाचार पत्र डेली टाइम्स का कहना है कि पाकिस्तान को दुनिया को आतंक के खिलाफ अपनी कार्रवाई पर भरोसा दिलाने की जरूरत है, वहीं द न्यूज का कहना है कि पाकिस्तान दुनिया में अपनी छवि एक शांतिप्रिय देश के रूप में स्थापित करे। इतना ही नहीं, पाक ऑब्जर्वर ने लिखा है कि उड़ी हमला भारत सरकार द्वारा प्रायोजित होने की संभावना है।
 
द डॉन में छपे एक विशेष लेख में कहा गया है कि उड़ी में भारतीय सेना के कैंप पर हमले के बाद भारत कश्मीरियों पर हुए अत्याचारों से ध्यान भटकाने के लिए सीमा पर तनाव बढ़ा सकता है।
 
डेली टाइम्स में छपे संपादकीय में कहा गया है कि भारत की जमीन पर होने वाले किसी भी हमले के बाद भारत की पहली प्रतिक्रिया पाकिस्तान पर अंगुली उठाना रहा है। पाकिस्तान को इन आरोपों से राजनयिक तरीकों से अपना बचाव करने की जरूरत है।
 
आगे लिखा गया है कि भारत, दुनिया में पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान को पुरजोर तरीके से दुनिया को बताने की जरूरत है कि पाकिस्तान भारतीय उपमहाद्वीप में शांति के लिए प्रतिबद्ध है। द न्यूज में छपे लेख 'नो स्टोर्म इन ए कप ऑफ टी' में कहा गया है कि उड़ी हमले के बाद भारत में रणनीतिक संयम निभाने का माहौल है, ताकि एक बड़ी राजनयिक लड़ाई को जीता जा सके। भारत अब पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगवाने की कोशिश करेगा।  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

OMG! शीशे के अंदर से झांक रहा था भूत...