उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग की पिटाई के बाद उसकी दाढ़ी काटने वाले मामले में यूपी पुलिस को ट्विटर ने नोटिस का रिप्लाई दिया है। ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जांच में जुड़ सकते हैं।
मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि विवाद वाले मामले से हमारा कोई लेना देना नहीं है। हम इस टॉपिक को डील नहीं करते है। गाजियाबाद पुलिस ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर के जवाबों से संतुष्ट नहीं है। इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ट्विटर इंडिया को दोबारा नोटिस भेजने वाली है।
इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर समेत 9 लोगों पर अलग एफआईआर दर्ज की थी। एक मीडिया संस्थान के ट्विटर पर किए गए पोस्ट के मसले पर नोटिस भेजा जा चुका है और बाकी सभी को जल्द ही भेज दिया जाएगा।
वहीं सौहार्द बिगाड़ने के आरोपी उम्मेद पहलवान को गाजियाबाद स्पेशल कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उम्मेद के वकील अनीस चौधरी का कहना है कि उन्होंने उनके मुव्वकिल पर लगाई गई धाराओं को लेकर कोर्ट में जिरह की। उम्मेद के वकील ने कहा कि पुलिस के पास कोई एविडेंस नहीं है और वकील ने पूरी कोशिश की थी कि मामले में उम्मेद को राहत मिल जाए, लेकिन पुलिस की दलील काम आई और कोर्ट ने उम्मेद को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
खुद उम्मेद के वकील के मुताबिक मामले में उमेद के खिलाफ हुई धाराओं में इजाफा किया गया है, जिनमें 467,468, 469 और 471 आईपीसी की बढ़ोतरी की गई है। मामले में पुलिस अन्य संगीन धाराएं भी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि जो वीडियो वायरल हुआ था। उससे दो पक्षों के बीच नफरत फैलाने का काम किया गया था। उम्मेद के वकील का कहना है कि जो धाराएं लगाई गई हैं, उनमें से अधिकतर एप्लीकेबल नहीं होती हैं।
उमेद ने पूछताछ के दौरान कहा कि सारा झूठ बुजुर्ग द्वारा मुझसे बोला गया, जिसके वजह से इन्होंने सारी बातें लोगों के सामने रखी। पुलिस का कहना है कि उमेद ने पूछताछ में झूठ बोला की वो गुमराह हुआ, बुजुर्ग के कहने पर जब हमारी तफ्तीश शुरू हुई तो कई लोगों की भूमिका सामने आई और सारा प्लान उमेद ने ही बनाया था। राजनीतिक लाभ और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते किया गया। ये इलाके में अशांति फैलाकर अपना राजनीतिक लाभ उठाना चाहता था। सभी तथ्यों को छुपाया गया आरोपी ने अपना गुनाह कबूल किया।