तपोवन। उत्तराखंड के चमोली जिले में गुरुवार दोपहर रैणी से लेकर तपोवन तक चटख धूप के बीच ऋषिगंगा नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ने से लोग दहशत में आ गए। गुरुवार दोपहर बाद रैणी से लेकर नीचे इलाके तक चटख धूप खिली हुई थी।
ऋषिगंगा साइट के साथ ही तपोवन पॉवर प्रोजेक्ट में भी बचाव और राहत का काम चल रहा था कि अचानक से ऋषिगंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी। पानी बढ़ता देख एकबारगी एजेंसियों ने राहत बचाव काम कुछ देर के लिए रोक दिया।
चमोली हादसे में राहत बचाव कार्यों में जुटीं एजेंसियों ने अब तक 36 शव बरामद कर लिए हैं। 168 लोग अब भी लापता हैं। इस दौरान 10 शवों की शिनाख्त भी हो चुकी है। एजेंसियां अन्य शवों की शिनाख्ती में भी जुटी हुई हैं। तपोवन टनल में भी राहत व बचाव कार्य लगातार जारी हैं। ऋषिगंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद अस्थायी रूप से रोके गए राहत व बचाव कार्य को फिर से शुरू कर दिया गया है।
एनडीआरएफ कर्मियों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने की वजह से टीमों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया था लेकिन अब ऑपरेशन को सीमित टीमों के साथ फिर से शुरू किया गया है। पानी भरने की सूचना के बाद कुछ देर के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को रोका गया था।
हालात का जायजा लेने के लिए एयरफोर्स की टीम ने आपदाग्रस्त ग्लेशियर और 10 गांवों का दौरा किया जिसके बाद स्थिति को सामान्य पाए जाने पर फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
गुरुवार को कर्णप्रयाग संगम पर गत दिनों तपोवन आपदा में प्राप्त 4 पूर्ण मानव शव तथा 7 मानव अंग और चमोली घाट पर 3 पूर्ण शवों का नियमानुसार 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया।