Uttarkashi Tunnel Rescue : उत्तरकाशी (Uttarkashi) में सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए ऊपर से नीचे की ओर जारी ड्रिलिंग के अलावा हाथ से क्षैतिज खुदाई जल्द शुरू की जाएगी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
ऑगर मशीन के खराब हो जाने के बाद अब हाथ से खुदाई की जाएगी। ऑगर मशीन से 46.8 मीटर तक क्षैतिज खुदाई की जा चुकी थी लेकिन उसके बाद इस मशीन के टूट जाने के कारण उससे और खुदाई नहीं की जा सकी।
लंबवत और हाथ से क्षैतिज ड्रिलिंग दो विधियां हैं, जिन पर इस समय ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सुरंग के बारकोट छोर से क्षैतिज ड्रिलिंग जैसे अन्य विकल्पों पर भी काम किया जा रहा है।
सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर लंबवत ड्रिलिंग की जाएगी। इसके तहत 1.2 मीटर व्यास की पाइप को लंबवत तरीके से सुरंग के ऊपर से नीचे की ओर डाला जाएगा। फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए इस दूसरे विकल्प के रूप में रविवार से इस पर काम शुरू किया गया।
बचाव कार्यों पर अद्यतन जानकारी देते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रैट-होल खनिक जल्द ही हाथ से खुदाई शुरू करेंगे। हैदराबाद से मंगाए गए प्लाज्मा कटर की मदद से ऑगर मशीन के टूटे हुए हिस्सों को मलबे से हटा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार 12 नवंबर से सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हसनैन ने कहा कि निजी और सार्वजनिक, दोनों एजेंसियां बचाव अभियान में जुटी हुई हैं।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने भी जारी बचाव अभियान का जायजा लिया। एजेंसियां